सेना ने पकड़ा 12 साल का बच्चा,संदेह जासूस,परिस्थितयां अपराधी बनाती बच्चों को जस्टिस नंदराजोग बोले
चंडीगढ़/जम्मू/राजस्थान ; 6 मई ; आरके शर्मा विक्रमा /अजित ठाकुर /चंद्रभान सोलंकी ;—–आज जहाँ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और पोक्सो एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर जयपुर में दो में दिवसीय गोलमेज परामर्श कांफ्रेंस आयोजित हो रही थी उसी वक़्त सोशल मीडिया पर सेना द्वारा एलओसी पर पीओके का एक 12 वर्षीय बच्चा भारतीय सेना अधिकारीयों ने जासूसी के संदेह में पकड़ा है ! दोनों वाक्यात घटने आम बात है ! मुद्दा विचारणीय तो ये है कि बच्चों का मानसिक शारीरिक शोषण आज के आधुनिक समाज में भी जारी रहना मानव अधिकार की खुलेआम धज्जियां उड़ाने माक़िफ़ है ! न्यायिक कांफ्रेंस में न्याय पालक बच्चों और किशोरों के अधिकारों को सुव्यवस्थित करने व् उनपर होने वाले दिल दहलाने वाले अत्याचार आदि को रोकने के उद्देश्य से जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 और पोक्सो एक्ट 2012 लाया गया पर यह कितना प्रभावी ढंग से क्रियान्वित हो रहा है, ये भी अभी तक विचारणीय विषय बना हुआ है, आदि पर ही विचार विमर्श करने के उद्देश्य से जुड़े हैं ! आज के संदर्भ में ये बहुत ही उपयोगी और प्रसांगिक विषय है ! चाइल्ड प्रोकटशन होम में रह रहे बच्चों को फिर से मुख्यधारा से जोड़ने का भगीरथी कार्य किया जाना चाहिए ! ये विचार सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस व् सुप्रीम कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के चेयरमेन एमबी लोकुर ने मीडिया पर्सन्स से मुखातिब होते हुए रखे ! यानि की इस न्यायिक कांफ्रेंस का मुख्य आयोजन का आधार बच्चों को बेहतरीन जिंदगी जीने की राह प्रशस्त करने रहा !अब बड़ा सवाल ये उठता है कि ये संगोष्ठियां ये सेमिनार आदि वास्तविकता से कोसों दूर हैं ! पीओके से पकड़ा गया 12 साल के बच्चे से जासूसी जैसे संगीन अपराध करवाना किस मानसिकता की और इशारा करता है ! सेना प्रवक्ता मुताबिक बच्चे अशफाक अली चौहान है और शुक्रवार को राजौरी के नौसेरा सेक्टर से पकड़ा गया है ! ये ह्यूमन राईट्स वायलेशन का भी मुद्दा है ! भले ही अभी ये आरोप और संदेह मात्र हैं कि वास्तव में बच्चा किस बजह से भारत क्षेत्र में आया या भेजा गया ! पहले तो उसको उसके माँ बाप परिवार से बिछोड़ा गया होगा फिर तनाव भरी स्थिति में उसको जासूसी करने के लिए बाध्य किया गया होगा ! हो सकता है कि उसको उसके परिवार को मार देने के नाम पर जासूसी के लिए मजबूर किया गया होगा ! फिर भारतीय फ़ौज उसके लिए खूंखार दुश्मन से कम नहीं है उसका भय ये सब नन्हे बच्चे के साथ कैसा खिलवाड़ है सोचने समझने की अहम वजह है ! क्या यूएनओ इस तरफ विशेष तवज्जो देगा या ये राम रहीम के लख्ते जिगर के तारे यूँ ही हमारी सियासी भंवरों के वबंडरों और दरिंदगी की चक्कियों में पिसते रहेंगे ! माननीय न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग हाईकोर्ट राजस्थान ने कहा कि कोई भी नाबालिग किसी लोभ के वशीभूत क्राइम नहीं करता बल्कि उसके आसपास का का वातावरण उसको बाध्य करता है ! सो इन मासूमों को जुल्म अपराध कुकर्मों की दलदल से बचाओ ताकि हम सब शिक्षित समाज के जिम्मेवार ही नहीं बल्कि जवाबदेह नागरिक कहला सकें !
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