नेचुरोपैथ कौशल

Loading

चंडीगढ़:-2 जुलाई:- आरके विक्रमा शर्मा/करण शर्मा/ हरीश शर्मा+ अनिल शारदा /राजेश पठानिया प्रस्तुति:–*हाइपर थायराइड और हाइपो थायराइड का घरेलू उपचार.. की महत्वपूर्ण जानकारी नेचुरोपैथी कौशल अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से लाखों सूची पाठकों हेतु प्रस्तुत कर रहे हैं गौरतलब किया जाता है कि कौशल जी अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से भी नाना प्रकार की असाध्य बीमारियों की जानकारी उनके लक्षण उनके निवारण हेतु उपचार पद्धतियां नुक्ते नुस्खे अक्सर प्रस्तुत करते रहते हैं।
थायराइड मानव शरीर मे पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है।
थायरायड ग्रंथि गर्दन में श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र के दोनों ओर दो भागों में बनी होती है।
इसका आकार तितली जैसा होता है।
यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है जिससे शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है।
थॉयराइड ग्रंथि तितली के आकार की होती है जो गले में पाई जाती है।
यह ग्रंथि उर्जा और पाचन की मुख्य ग्रंथि है।

थॉयराइड की समस्या होने पर थकान, आलस, कब्ज का होना, चिड़चिड़ापन, अत्यधिक ठंड लगना, भूलने की समस्या, वजन कम होना, तनाव और अवसाद जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

*घर के ही बने जूस हैं फायदेमंद..*
शरीर में इस तत्व की कमी हो गई तो रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है।
इसलिए खाने में पर्याप्त मात्रा में सेलेनियम के सेवन की सलाह दी जाती है।
सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिए,
घर में ही गेंहू के जवारों का जूस निकाल कर पिए,
इसके बाद एक गिलास पानी में हर रोज़ 30 मिली एलो वेरा जूस और 2 बूँद तुलसी की डाल कर पिए,
एलोवेरा जूस आपको किसी बढ़िया कंपनी का यूज़ करना होगा, जिसमे फाइबर ज़्यादा हो, सिर्फ कोरा पानी ना हो।
बाजार से आज कल पंचतुलसी अर्क बहुत आ रही हैं, किसी बढ़िया कंपनी की आर्गेनिक पंचतुलसी अर्क ले।
ये सब करने के आधे घंटे तक कुछ भी न खाए पिए, इस समय में आप प्राणायाम करे।

*खरोट और बादाम है फायदेमंद*
अखरोट और बादाम में सेलेनियम नामक तत्व पाया जाता है जो थॉयराइड की समस्या के उपचार में फायदेमंद है।
एक आंउस अखरोट में 5 माइक्रोग्राम सेलेनियम होता है।
अखरोट और बादाम के सेवन से थॉयराइड के कारण गले में होने वाली सूजन को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अखरोट और बादाम सबसे अधिक फायदा हाइपोथॉयराइडिज्म (थॉयराइड ग्रंथि का कम एक्टिव होना) में करता है।
इसके साथ में रात को सोते समय गाय के गर्म दूध के साथ एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करे।
इसके साथ प्राणायाम करना हैं, जिसे उज्जायी प्राणायाम बोलते हैं। इस प्राणायाम में गले को संकुचित करते हुए पुरे ज़ोर से ऊपर से श्वांस खींचनी हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

133652

+

Visitors