चंडीगढ़:-14 जून:- आरके विक्रमा शर्मा /करण शर्मा/ राजेश पठानिया+ अनिल शारदा:—आज ज्येष्ठ पूर्णिमा के साथ-साथ वट सावित्री व्रत भी है। और कबीर पंथ के प्रवर्तक संत कबीर की 624वीं जयंती और महादान रक्तदान दिवस भी है। आने वाले कल से आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा है। आषाढ़ माह की पहली संक्रांति है। और कल से ही सूर्य मिथुन राशि में गृह संचार करेंगे। यह तमाम जानकारी औद्योगिक क्षेत्र फेस 2 स्थित श्री शिव मानस मंदिर से सटे भगवान शनि देव मंदिर के पुजारी पंडित राम कृष्ण ने देते हुए बताया कि हर पूर्णिमा और अमावस को इस मंदिर में भगवान शनि देव जी के आशीर्वाद से उड़द और चावल का खिचड़ी भंडारा अटूट बरताया जाता है।
श्री शिव मानस मंदिर के प्रधान वरिष्ठ नागरिक बालकृष्ण कपूर ने अल्फा न्यूज़ इंडिया को बताया कि श्री शिव मानस मंदिर को 1972 में स्थान प्लाट मिला था। और सन 2010 में इस मंदिर का भव्य सम्पूर्ण निर्माण करवाया गया था। यहां बाहर से आने वाले शनि भक्तों के रुकने के लिए मंदिर धर्मशाला में बहुत ही किफायती और साफ-सुथरी व्यवस्था के तहत प्रति कमरा ₹500 जिसमें डबल बेड बाथरूम अटैच और पंखा आदि की व्यवस्था है। ठहरने वाले यात्री को भोजन की व्यवस्था बाहर से करनी पड़ती है। ताकि वह अपनी मनपसंद का भोजन अपनी यात्रा के दौरान कर सके।
मंदिर के प्रबंधकों मुताबिक यूं तो भूखे प्यासे के लिए अन्न जल की समुचित व्यवस्था की जाती है। मंदिर की मर्यादा और अनुशासन में रहकर शिष्ट मर्यादाओं का निर्वहन सख्ती से किया जाता है। मंदिर में धूम्रपान, मदिरा नशा आदि बिल्कुल वर्जित है। यहां भगवान शनि देव की खड़े आकार की प्रतिमा स्वरूप है। और काले स्याह संगमरमर पत्थर पर निरंतर सरसों के तेल की धारा अविरल बहती रहती है। यहां लोग दूर-दूर से मन्नत मांगने आते हैं। और मुरादें पूरी होने पर अपनी यथा समर्थ्य शनी बाबा के श्री चरणों में पूर्णमासी या अमावस को भंडारा दान करते हैं। और धर्मशाला के लिए भी स्वेच्छा से धनराशि की पर्ची भी कटवाते हैं।
श्री शनि महाराज जी के मंदिर के पुजारी पंडित राम कृष्ण न्याय आगे भंडारा प्रयोजन को लेकर धर्म मत महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि शनि बाबा के निमित्त शनि की दशा या साढ़ेसाती की दशा के प्रचंड प्रकोप से राहत पाने की मंशा से भंडारा किया जाता है या फिर लोग अपने पितरों की आत्मिक शांति व मोक्ष के लिए भी यहां भंडारा देते हैं। क्योंकि अन्नदान महा कल्याण भारी दान है। दानी सज्जन भगवान शनि बाबा के अनुकंपा से मन्नत पूरी होने पर शिव बाबा के श्री चरणों में माथा टेकते हुए यथा समर्थ्य भंडारे का आयोजन करते हैं। श्री शिव मानस मंदिर से परिसर में सटे इस शनि बाबा के मंदिर की महत्ता की तूती दूर-दूर तक बोलती है। कहते हैं कि शनि बाबा भगवान महावीर हनुमान जी के अनन्य भक्त हैं। और हनुमान जी भौम देवता पवन पुत्र अंजञेय हैं। भौम देवता भगवान पवन देव का वार मंगलवार है। मंगलवार को ही उनके पुत्र और भक्त शिरोमणि भगवान हनुमान जी का दिवस होता है। शुभ मंगलवार के दिन भगवान शनि अपने परम पूजनीय भगवान हनुमान जी की पूजा किए जाने पर अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं। और मुंह मांगा वरदान देते हैं। मंगलवार को मंगल देव की आराधना करने पर शनि बाबा अपने भक्तजनों को मुंह मांगा इच्छित फल और प्रधान प्रदान करते हैं