चंडीगढ़: 10 जून; राजेश पठानिया /अनिल शारदा/ हरीश शर्मा/ करण शर्मा:— शास्त्र और ग्रंथों में भी बड़ा स्पष्ट बताया गया है कि नशा हमेशा नाश करता है! फिर भला वह पैसा हो धन संपदा हो स्वास्थ्य हो व्यक्तित्व और चरित्र हो या फिर राष्ट्र हो। और जब नशा राजनीति सत्ता का हो! तो फिर बात और भी वजनदार हो जाती है। यही नशा आजकल पंजाब में काबिज आम आदमी पार्टी की सरकार के सिर चढ़कर बोल रहा है। वोटरों के पास दो बड़ी सियासी पार्टियों के अलावा अगर कोई तीसरा बड़ा विकल्प है। सिवाय आज के वक्त में आम आदमी पार्टी के तो सच में कोई और नहीं है। इसीलिए पार्टी को दिक्कत नहीं है कि उसका झूठ कितना उपयोगी है और कितना हानिकारक। आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल सत्ता के मद्द के नशे में चूर हैं। और दिल्ली में वहां की जनता को और सब्जबाग दिखाते हैं। और पंजाब में कुछ और। चंडीगढ़ में कुछ और हरियाणा में होने वाले चुनावों में कुछ और दिखा रहे हैं। यानी सीधे-सीधे नागरिकों के साथ खुला मजाक जारी है। नागरिकों के अधिकारों को सत्ता पाने के लिए हर प्रकार से किस प्रकार नागरिकों के अधिकारों को पद दलित किया जाता है। यह तो इन सियासत दानों से ही सीखने समझने की बात है।
पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत मान का मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर विवादों की चपेट में है। सोचने की तो बात यह है कि लोगों को ट्रैफिक नियम मानने की प्रेरणा देने वाले खुद उन नियमों को पैरों तले रौंद रहे हैं। लालजी सिंह भुल्लर खुद पंजाब स्टेट ट्रांसपोर्ट मंत्री है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के मुताबिक नेशनल हाईवे पर मंत्री सफेद कुर्ते पजामे में है। सिरोपा रंग जैसे नीला दुपट्टा पीला दुपट्टा मंत्री का हवा में लहराते हुए कार की ओवर स्पीड की ओर ट्रैफिक पुलिस का ध्यान आकर्षित कर रही है। वर्दीधारी दो अंगरक्षक कार के दोनों तरफ लटके हुए हैं। मंत्री जी अपनी एंडेवर गाड़ी के सनरूफ से निकलकर कार की छत पर बैठकर लोगों को हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे हैं। और देखा जाए तो वीडियो में स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है कि गाड़ियों की स्पीड कितनी ओवर स्पीड है। यहां स्पष्ट देखा जा रहा है कि मंत्री के दोनों अंगरक्षक किस तरह मजबूरन खुद को बचाने के लिए जोर लगाए हुए हैं छोटी सी ब्रेक लगने पर कितना बड़ा हादसा हो सकता है या खुद समझा जा सकता है। अगर यही गाड़ी किसी आम नागरिक की होती तो ना जाने ट्रैफिक पुलिस किस किस तरह के ऑफेंस लगाकर चालान पर चालान करके गाड़ी को ही पुलिस स्टेशन ले जाती।
शर्म की बात तो यह है कि उनके सरकारी पुलिस अंगरक्षक भी हवा से बातें करती हुई कार की खिड़कियों पर बाहर लड़ते हुए बैठे हैं जबकि उन्हें चाहिए था कि अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से अंजाम देते हैं मंत्री को भी ऐसी होती गैरकानूनी नैतिकता से परे की हरकत करने से रोकते वह तो उल्टा समर्थन करते हुए उन्हें उत्साहित करते ज्यादा नजर आ रहे हैं ट्रैफिक रूल्स के मुताबिक नेशनल हाईवे और नेशनल स्टेट मार्ग पर इस तरह के जान जोखिम में डालने वाले स्टंट करने और दूसरों को करने की प्रेरणा देना दोनों कानूनन जुर्म है पंजाब सरकार का यह ट्रांसपोर्ट मंत्री सरकारी काफिले के साथ अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं। 2 गाड़ियां आगे एस्कॉर्ट कर रही हैं उनमें कितने-कितने सरकारी पुलिस जवान तैनात हैं यह तो तेज रफ्तार में दिखाई नहीं दे रहा है लेकिन कुल मिलाकर 10 से ज्यादा सुरक्षा गार्ड इसका फिल्में ट्रांसपोर्ट मंत्री को एस्कॉर् कर रहे हैं यह वही सरकार है जो चुनावों से पहले इस तरह के दिखावे फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाने के बड़े-बड़े दावे कर रही थी ठीक वैसे ही जैसे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सरकारी आवास सरकारी गाड़ियां सरकारी सुविधा चुनाव से पहले लेने से बिल्कुल मना ही की थी लेकिन मुख्यमंत्री बनते ही गिरगिट की तरह रंग बदले।
खबर लिखे जाने तक ट्रैफिक रूल्स की धज्जियां उड़ाने वाले ट्रांसपोर्ट मंत्री और दोनों एस्कॉर्ट करने वाली जिप्सी ओके ड्राइवरों सहित एंडेवर कार ड्राइवर की चालान किए जाने की पुष्टि की प्रतीक्षा है मंत्री द्वारा इस प्रकार की बेपरवाही और कानून को ठेंगा दिखाने की हरकत के खिलाफ क्या एक्शन लिया जा रहा है अभी सवाल यह भी लंबित है सुरक्षा गार्डों ने अपनी बनती जिम्मेदारी और जवाबदेही का क्यों कर उल्लंघन किया इसके बारे में क्या कार्यवाही की जा रही है इसकी भी प्रतीक्षा की जा रही है।