इजरायल ने गेहूं मामले में थामी भारत की कसकर बाजू

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चंडीगढ़:10 जून: अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:—.तुर्की के रिजेक्ट किए गए भारतीय कम्पनी आईटीसी के गेहूँ से लदे जहाज को इजरायल ने अपने बंदरगाह पर रोक लिया है । इजरायल का कहना है जब तक कि इस गेहूँ की टेस्टिंग कर कोई देश नही खरीदता तब तक यह जहाज निशुल्क इजरायल के बंदरगाह पर खड़ा रहेगा ।

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भारत ने गेहूँ पर प्रतिबंध लगा दिया पर गेहूँ के आटे पर से प्रतिबंध हटा दिया है । इसके चलते भारत को गेहूँ की तीन गुना कीमत भी मिल जाएगी और भारतीय बाजार में गेहूँ की कीमतों में भी फर्क नही पड़ेगा । भारत ने गेहूँ की क्वालिटी को लेकर हो रही राजनीति पर पूर्ण विराम लगा दिया है । भारतीय मिलर की चांदी हो गयी है । आटे में किसी भी तरह की क्वालिटी का कुछ भी पता लगाना नामुमकिन है बस प्रोटीन आदि की मात्रा का गणित लगाया जा सकता है ।

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भारत आटे को अंतराष्ट्रीय बाजार में चल रही लगभग 40 से 50 रुपये किलो की कीमत में आयात कर रहा है जो कि गेहूँ की कीमत के मुकाबले तीन गुना अधिक है ।

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रूस ने इजरायल में खड़े गेहूं के भारतीय जहाज को लेने की पेशकश कर सारे देशों को अचंभित कर दिया ।

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वैश्विक राजनीति में भारत को घेरने के लिए अमेरिका, यूरोपियन संघ, चीन, इस्लामिक देश सभी लगे पड़े है दूसरी और भारत की मोदी सरकार एकला चलो की नीति अपना कर प्रतिदिन प्रतिद्वंदियों पर तगड़ा प्रहार करते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुँचा रही है ।

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भारत ने गेहूँ के उपरांत चावल के आयात पर रोक लगा कर इस्लामिक राष्ट्रों को सीधी चुनौती दी है ।

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ईरान के साथ तेल की खरीदी पर भारत सकारात्मक निर्णय ले सकता है । ईरान ने रूस की दर पर तेल देने के साथ बदले में भारतीय समान लेने का प्रस्ताव दिया है जो अमेरिका के प्रतिबंधो के चलते विचाराधीन है अंतिम निर्णय भारत को लेना है ।

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भारत ने इजिप्ट को यह जहाज इसलिए नही भेजा क्योकि इसमें भारतीय कम्पनी आईटीसी का माल है जबकि इजिप्ट व भारत के मध्य सरकार से सरकार के मध्य व्यपार की बात हुई है ।

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भारत 15 देशों को गेहूँ दे रहा हैl बाकी देशों को भारतीय आटा दिया जाएगा ।

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वन्देमातरम, जय श्री राम

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