सरकार ने डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया पर किसी प्रकार का हमला किया तो वर्किग “जर्नलिस्ट आफ इंडिया” करेगा कढ़ा विरोध : योगेश सूद

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चण्डीगढ़:-17 मई:- आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा/ अनिल शारदा +राजेश पठानिया प्रस्तुति:—“वर्किग जर्नलिस्ट आफ इंडिया” के हरियाणा इकाई के अध्यक्ष योगेश सूद व प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष विकास सुखीजा ने यमुनानगर और कैथल प्रशासन द्वारा डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया की आजादी पर प्रतिबंध लगाने व अनचाहे आदेश जारी करने की कढे़ शब्दों में निंदा की है और चेतावनी देते हुए कहा है कि हरियाणा सरकार द्वारा डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया पर किसी भी तरह का हमला किया गया तो बर्दाशत नही किया जाएगा। इसके विरोध में संगठन द्वारा बड़े स्तर पर आंदोलन किया जा सकता है। संगठन के अध्यक्ष योगेश सूद व कार्यकारी अध्यक्ष विकास सुखीजा ने कहा कि आज के समय में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया समाज में पनप रही कुरूतियों व समस्याओं के समाधान के लिए आवाज़ उठाने का एक बहुत ही आसान और सरल रास्ता है, जिसको लेकर सरकार की नीयत ठीक नही लगती, क्योंकि जिस तरह से यमुनानगर व कैथल में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया पर बंदिश लगाने का फैसला लिया जा रहा है, वह इसी को दर्शाता है। सरकार व प्रशासन द्वारा इन जिलों में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया पर लगाए गए बैन को जल्द नही हटाया गया औऱ अन्य जिलों में भी यदि इस तरह के आदेश देने का प्रयास किया गया, तो इसके विरोध में वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया बड़े स्तर पर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से सरकार व प्रशासन की होगी। श्री सुखीजा व सूद ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना में, वर्किंग जर्नलिस्ट्स की परिभाषा में डीजिटल मीडिया/ऑनलाइन मीडिया से जुड़े पत्रकारो को, वर्किंग जर्नलिस्ट्स की परिभाषा में शामिल किया गया है। केंद्र सरकार की तरफ से डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया को लेकर अभी कोई पालिसी नही आयी है, ऐसे में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया द्वारा की जा रही कवरेज पर मन मानी नही करने दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहाँ कि आज के आधुनिक युग में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को सबसे पहले आमजन तक पहुचाने का काम करता रहा है। उन्होंने ये भी बताया कि अभी तक केंद्र ने इस पर कोई नीति नहीं बनाई है, तो इस पर किसी भी प्रकार की रोक या प्रतिबंध लगाना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का घौर अपमान है। उन्होंने ये भी बताया कि जिन जिलों में आर एन आई का हलावा दिया जा रहा है, तो ध्यान कर ले कि डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया का आर एन आई से कोई वास्ता नहीं है। इसके लिए अलग से पोलसी बनाई जानी थी, जो आज तक नहीं बनी है। जब तक किसी भी प्रकार की पोलसी नहीं बनती तब तक इस प्रतिबंध या फिर मन चाहे आदेश लागू नहीं किए जा सकते। पहले भी हरियाणा सरकार ऐसा कर के देख चुकी है। जिस पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने करारा फैसला सुनाया था। संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक गुप्ता व प्रचार सचिव शिव बतरा ने भी कैथल व यमुनानगर में डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया पर बंदिश के आदेशों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि शायद सरकार में बैठे कुछ आकाओं व प्रशासनिक अधिकारियों को ये डर सताने लगा है कि कंही उनकी और कारगुजारियां उजागर ना हो जाएं या यूँ कहा जाए कि उन पर लग रहे भ्र्ष्टाचार के आरोपों के साक्ष्य डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया के माध्यम से जनता के सामने ना लेकर आ जाएं, तभी हड़बड़ाहट में इसी तरह के आदेश दिज जा रहे हैं। ऐसे आदेशों का संगठन पूरी तरह से विरोध करता है, डिजिटल/ऑनलाइन मीडिया पर किसी भी तरह की पाबंदी नही लगाने दी जाएगी।

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