किसी भी अटैक से अचंभित या बौखलाए नहीं, सबका सरल सहज सुलभ है चिकित्सा :- वैद्य कौशल

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चंडीगढ़:- 12 अप्रैल:-अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति:—*हार्ट अटैक से ना घबरायें.!*

सहज सुलभ उपाय… बेफिक्री से आजमायेंग

99 प्रतिशत हार्ट में ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता..!

 

पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों।

 

प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।

 

➡️ पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें।

 

➡️ इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें।

 

➡️ जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार।

 

➡️ इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः से लेना शुरू कर दें।

 

➡️ हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती।

दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें।

 

➡️ पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है।

➡️ इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें

सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं।

➡️ खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।

➡️ प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें।

 

➡️ मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें।

नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।

 

➡️ अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि ही लें।

 

तो अब समझ में आया कि भगवान ने पीपल के पत्तों को हार्टशेप में क्यों बनाया.?

 

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मुनक्का…
मुनक्कों से तो हम सब परिचित हैं। इसकी प्रकृति गर्म होती है। इसका प्रयोग करने से प्यास शांत हो जाती है व यह गर्मी और पित्त को ठीक करता है। यह पेट और फेफड़ों के रोगों में भी बहुत लाभकारी है।

आज हम जानेंगे मुनक्कों से विभिन्न रोगों का उपचार..
(1). 10-12 मुनक्के धोकर रात को पानी में भिगो दें| सुबह को इनके बीज निकालकर खूब चबा चबाकर खाएं, तीन हफ़्तों तक यह प्रयोग करने से खून साफ़ होता है तथा नकसीर में भी लाभ होता है।

(2). 5 मुनक्के लेकर उसके बीज निकल लें, अब इन्हें तवे पर भून लें तथा उसमें कालीमिर्च का चूर्ण मिला लें| इन्हें कुछ देर चूस कर चबा लें, खांसी में लाभ होगा।

(3). बच्चे यदि बिस्तर में पेशाब करते हों तो उन्हें 2 मुनक्के बीज निकालकर व उसमें एक एक काली मिर्च डालकर रात को सोने से पहले खिला दें, यह प्रयोग लगातार दो हफ़्तों तक करें, लाभ होगा।

(4). पुराने बुखार के बाद जब भूख लगनी बंद हो जाए तब 10 -12 मुनक्के भून कर सेंधा नमक व कालीमिर्च मिलाकर खाने से भूख बढ़ती है।

(5). यदि किसी को कब्ज़ की समस्या है तो उसके लिए शाम के समय 10 मुनक्कों को साफ़ धोकर एक गिलास दूध में उबाल लें फिर रात को सोते समय इसके बीज निकल दें और मुनक्के खा लें तथा ऊपर से गर्म दूध पी लें, इस प्रयोग को नियमित करने से लाभ स्वयं महसूस करें।
इस प्रयोग से यदि किसी को दस्त होने लगें तो पहले मुनक्के कम कर दें और फिर प्रॉब्लम होने पर मुनक्के लेना बंद कर दें।

(6). मुनक्के के सेवन से कमजोरी मिट जाती है और शरीर पुष्ट हो जाता है।

(7). मुनक्के में लौह तत्व [Iron] की मात्रा अधिक होने के कारण यह [Heamoglobin] खून के लाल कण को बढ़ाता है अतः रंग को है।

(8). 4-5 मुनक्के पानी में भिगोकर खाने से चक्कर आने बंद हो जाते हैं।

  1. 🤗👌🤗👌🤗👌🤗👌🤗👌🤗👌🤗👌
  2. डायबिटीज…
    क्या आप जानते हैं कि 1997 से पहले फास्टिंग डायबिटीज की लिमिट 140 थी।
    फिर फास्टिंग सुगर की लिमिट 126 कर दी गयी।

    बस इतना करते ही पूरे विश्व की पॉपुलेशन में 14% डायबिटिक लोग बढ़ गए।

    उसके बाद 2003 में एसोसियेशन ने फिर से फास्टिंग सुगर की लिमिट कम करके 100 कर दी।
    यानी फिर से टोटल पॉपुलेशन के करीबन 70% लोग डायबिटिक माने जाने लगे।

    एक कड़वा सच…
    दरअसल डायबिटिक रेशियो, अनुपात या लिमिट तय करने वाली कुछ फार्मास्यूटिकल कंपनियां थीं,
    जिनके द्वारा अपना बिज़नेस बढ़ाने के लिए ये किया जाता रहा।

    लेकिन क्या आपको पता है
    कि
    डायबिटीज को कैसे काउंट करनी चाहिए ?
    और कैसे पता चलेगा कि आप डायबिटिक हैं या नहीं ?

    पुराने जमाने के इलाज़ के हिसाब से
    डायबिटीज काउंट करने का एक सरल उपाय है…
    आप की उम्र + 100…
    जी हाँ
    यही एक सचाई है
    अगर आपकी उम्र 65 है तो आपका खाने के बाद सुगर लेवेल 165 होनी चाहिए।

    अगर आपकी उम्र 75 है तो आपका नॉर्मल सुगर लेवेल 175 होना चाहिए।

    अगर ऐसा है तो इसका मतलब आपको डायबिटीज नहीं है।
    ये होता है उम्र के हिसाब से यानी..
    you can count your diebetese limit as 100 + your age.
    even if ur age is 80,
    Your diebetec limit is counted as 180 after food.
    Means if your sugar level at this age is 180 even though you are not a diebetec then
    You can be counted as a Normal human.
    But many groups of companies and association have changed the sugar level mostly for their business.
    And mind you that
    No any Doctor can guide you.
    No one will advice you and
    No one will be dare enough to say so.
    But its a truth…

    उसके साथ साथ एक सच ये भी है कि,
    अगर आपकी पाचन शक्ति अच्छी है,
    आपको कोई टेंशन नहीं है,
    या आप कोई टेंशन नहीं लेते,
    अगर आप अच्छा खाना खाते हो,
    आप जंक, मसालेदार या तैलीय खाना नहीं खाते हैं या
    आप रेगुलर योग या एक्सरसाइज करते हैं
    और आपका वजन आपकी हाइट के हिसाब के बराबर है यानि लगभग बराबर है..
    तो आपको डायबिटीज हो ही नहीं सकती।।

    यही एकदम सच है।
    बस टेंशन न लें, अच्छा खाना खायें और रेगुलर एक्सरसाइज करते रहें..!*
    💐और फिर
    खुश रहिये
    स्वस्थ रहिये.!
    और अपना और अपनों का ख्याल रखिये.!

    इस आर्टिकल को किसी के साथ बहस का मुद्दा न बनायें क्योंकि फिर आप अकेले पड़ जायेंगे।

     

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