चंडीगढ़:-27 फरवरी :- राजेश पठानिया/अनिल शारदा:—चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारी खुद ही पहले चंडीगढ़ में माहौल खराब करते और फिर कर्मचारियों पर लगाया जाता है “अस्मा”।। बिजली विभाग के बाद अब की जा रही है हेल्थ विभाग में माहौल खराब करने की कोशिश।।
चंडीगढ़ में दिन-प्रतिदिन किसी न किसी विभाग में कर्मचारियों एवं आउटसोर्स वर्करों का आक्रोश देखने को मिल रहा है। और यह सब चंडीगढ़ में डेपुटेशन पर बैठे अधिकारियों की नाकामी एवं चंडीगढ़ के कर्मचारियों के साथ सौतेले व्यवहार के कारण है। यूटी चंडीगढ़ सबोर्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन के महासचिव एवं जीएमसीएच ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रधान सुखबीर सिंह ने बताया कि समय रहते अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से भागते हैं। और कर्मचारियों एवं कच्चे वर्करों को तंग करने के लिए ऐसे आदेश निकालते हैं। जिससे माहौल खराब होने की स्थिति बन जाती है। जैसा कि अब स्वास्थ्य विभाग में किया जा रहा है। जीएमएसएच सेक्टर 16 अस्पताल में पिछले लगभग 10 से 15 साल पुराने लगे डाटा एंट्री ऑपरेटर वर्करों को तंग परेशान करने के लिए निर्देशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण चंडीगढ़ प्रशासन जीएमएसएच सेक्टर 16 की ओर से एक पत्र संख्या नं.(IV-2022-2898-2900) इन वर्करों का अचानक से proficiency test लेने का फैसला समझ से बाहर है। जबकि यह कर्मचारी जब काम पर रखे गए थे। तो यह टेस्ट पास करके ही काम पर रखे गए थे। पूरे कोरोना काल में इन कर्मचारियों की ओर से अपनी जिंदगियां दांव पर लगाकर निरंतर अपनी सेवाएं निभाई गई हैं। विभाग की ओर से इन कर्मचारियों को सम्मानित करने की बजाय परेशान एवं अपमानित किया जा रहा है। जिस कारण जीएमएसएच सेक्टर 16 जीएमसीएच सेक्टर 32 सिविल डिस्पेंसरी सेक्टर 22 सेक्टर 45 के हेल्थ वर्करों में काफी रोष एवं गुस्सा है। और अगर विभाग अपना फैसला नहीं बदलता। तो आने वाले समय में फेडरेशन एवं जीएमसीएच ज्वाइंट एक्शन कमेटी बड़ा प्रदर्शन करेंगी। अगर इसके लिए काम भी बंद करना पड़ा, तो इन वर्करों के समर्थन में अस्पताल के बाकी आउटसोर्स वर्कर भी काम बंद कर देंगे। और बाद में इन अधिकारियों की कमियों के कारण कर्मचारियों पर प्रशासन *अस्मा* लगाकर इनकी आवाज दबाने की कोशिश करता है। और जबकि इन अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जो नहीं होती है। जोकि नैतिकता और कानूनी चरित्र से भी परे की बात है।।