शिक्षतों के शहर में दम तोड़ती इंसानियत,बेपर्दा होते धर्मों के ठेकेदार,पालक

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शिक्षतों के शहर में दम तोड़ती इंसानियत,बेपर्दा होते धर्मों के ठेकेदार,पालक    

चंडीगढ़ ; 22 जून ; आरके शर्मा विक्र्मा /मोनिका शर्मा ;—चंडीगढ़ शहर शिक्षतों का ब्यूटीफुल और सिटी पीसफुल के नाम से जाना जाता है ! आये दिन यहाँ धार्मिक शोभायात्राएं प्रभात फेरियां और कथाओं और कीर्तन दिवान आदि उर्स मनाये जाते रहते हैं ! यानि कि इंसानियत को बनाये रखने और अपनाये रखने की शिक्षा और प्रेरणा रोज यहाँ वहां प्रसारित और प्रचारित की जाती रहती है ! पर इसका असर धाक  के तीन पात से ज्यादा कुछ भी नहीं है ! धर्म आयोजनों के नाम पर लाखों रूपये खर्चने वाले सेठ और कुबेर की दुकान या शोरूम के आगे भूखे पेट कोई भिखारी हाथ बढ़ाकर भीख में खाने को कुछ या रूपये दो रूपये मांगता है तो ये धर्म भीरु दिखने वाले धन्ना उसको बुरे दिल दुखाने वाले बोल बोलते और ठोकरें मारते हुए भगाते आम देखे जाते हैं ! 
ऐसा ही एक किस्सा आज सेक्टर 20 –21 की लाइट पॉइंट के पास देखकर रू सिहर उठी और सर शर्मिंदगी से झुकता ही चला गया ! यहाँ एक युवक न जाने कब से बेसुध बेहोश जमीन पर पड़ा था ! कुछेक घंटे पहले बरसात होने से यहाँ कीचड गंदगी आदि बिखेरी पड़ी थी ! शर्म की बात तो ये कि उक्त लाइट पॉइंट रोड पर से हजारों लोग गुजरते हैं ! और आज भी खूब बड़ी तादाद में राहगीर यहाँ से गुजरते गए पर क्या मजाल किसी की आत्मा जागी हो और रातभर से यहाँ पड़े राहगीर युवक की किसी ने सुध तक न ली ! और भी शर्मिंदगी की बात तो ये सामने आई कि यहाँ चंडीगढ़ पुलिस की वि केयर फॉर यु वाली पुलिस की पीसीआर गाड़ी रातभर पहरा देती ताकि किसी जरूरतमंद के लिए सहारा बन सके ! औंधे मुंह पड़े युवक को किसी ने भी सीधा करने तक की जेहमत तक न उठाई ! कहते दें कि गरीब का गरीब सहारा होता पर आज ये दिल दुखने वाले नजारे को देख कर ये भीभ्रम बन कर रह गयी ! यहाँ से रोजी कमाने के लिए हजारों प्रवासी यूपी बिहार वाले दिहाड़ीदार गुजरते हैं पर किसी ने भी दिहाड़ीदार प्रवासी युवक दिखने वाले बेसुध की सुध लेने की और घोर उदासीनता ही दिखाई ! खबर लिखे जाने तक पीसीआर सवेरे साढ़े नौ बजे तक भी मौके पर नदारद रही ! यहाँ से मझ कुछेक ही कदम में स्केटर 20  वाली डिस्पेंसरी स्थित है ! पर वहां के सीनियर डाक्टर जेपी बंसल से बात करने पर ज्ञात हुआ कि किसी ने उनको इस बारे कोई इत्तला तक नहीं दी ! वर्ण वह खुद जाकर अपनी गाड़ी में बेसुध युवक को डिस्पेंसरी लाते और कम्प्लीट ट्रीटमेंट करते ! जैसे कि डाक्टर बंसल जेपी अपनी इंसानियत भरे सदव्यवहार के खूब पहचाने जाते हैं ! 

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