आतंकवाद अराजकता हिंसा कत्लेआम देशद्रोह का मतलब है सियासत

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चंडीगढ़:-08 जनवरी:- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:–*1980 के दशक में पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट का वो दौर कितना भयानक था―*

पंजाब के *आतंकवाद* के दौर के बारे में बस इतना ही समझ लें कि उस *आतंकवाद* के सामने कश्मीर का *आतंकवाद* दुधमुंहा बच्चा है *…*…

एक प्रधानमंत्री, एक मुख्यमंत्री, एक DGP, एक एयर इंडिया ब्लास्ट समेत बहुत कुछ खोया है हमने पंजाब के *आतंकवाद में …*…

धार्मिक स्थानों में हथियार रखकर वहाँ से आतंकवाद फैलाना भले ही आज हम एक समुदाय विशेष के बारे में जानते हैं *लेकिन इसकी शुरुआत भिंडरावाले ने ही की थी* हरमिंदर साहब में हथियार रखकर *…*…

*हरमिंदर साहब का जितना अपमान भिंडरावाले ने किया था* उतना तो शायद किसी ने भी नहीं किया होगा *…*…

*खैर भिंडरावाले* अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए भिंडरांवाले को खड़ा भी इंदिरा की तानाशाह सोच ने ही किया था और उससे त्रस्त होकर इंदिरा गांधी ने *ऑपरेशन ब्लू स्टार* चलाया *भिंडरावाले समेत लगभग सभी आतंकियों को समाप्त कर दिया …*…

हालांकि इसकी प्रतिक्रिया में इंदिरा गांधी की जान चली गई लेकिन फिर परिणामस्वरूप पूरे देश में सिक्खों का कत्लेआम हुआ *तथा पंजाब से आतंकवाद हमेशा के लिए समाप्त हो गया …*…

ऐसा ही कुछ तमिलनाडु के बारे में भी है कि श्रीलंका में LTTE मूवमेंट चल रहा था जिसका पूरा नाम *लिबरेशन ऑफ तमिल टाइगर इलम* था *…*.

*चूंकि* वो तमिल लोगों का संगठन था इसीलिए तमिलनाडु के तमिल लोगों को LTTE से बहुत सहानुभूति थी *और* उसी सहानुभूति एवं कॉन्टेक्ट्स का फायदा उठा कर LTTE ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मार दिया *…*…

परिणामस्वरूप पूरे कर्नाटक और तमिलनाडु से LTTE और उनके सिम्पेथाइजर का नामोनिशान मिटा दिया गया *और* एक समय में अजेय मानी जाने वाली LTTE का अस्तित्व तक मिट गया *…*…

इसीलिए सरकार की सहृदयता को उसकी कमजोरी समझने की भूल करना बेवकूफी है *…*…

*कल भटिंडा में जो हुआ वो बेहद निंदनीय एवं डरावना है* लेकिन इन सबके बीच एक सत्य यह भी है *कि उन काली सोच वाले स्थानीय लोगों की ये औकात नहीं थी वे हमारे PM की गाड़ी पर हमला भी कर देते …*…

*और* पिग्गिस्तान फिग्गिस्तान तो सपने में भी ऐसा नहीं सोच सकता है *क्योंकि* उससे तो खैर pm का कुछ नहीं बिगड़ना था *…*…

*लेकिन* हाँ ऐसी हिमाकत के बाद पिग्गिस्तान का अस्तित्व जरूर मिट जाता *…*…

जो इंसान महज अपने एक पायलट को छुड़ाने के लिए पिग्गिस्तान की कनपटी पर ब्रह्मोस सटा सकता है तो *…*…

*वो खुद पर हमला किये जाने पर क्या कर सकता है ये कोई भी अंदाजा लगा सकता है …*…

*और* हाँ किसी मिसाइल या बम बारूद से PM का बाल भी बांका नहीं होने वाला था क्योंकि उनकी गाड़ी इन सब चीजों से अभेद्य है *…*…

साथ ही उनकी सुरक्षा में लगे SPG के हाथों में जो जर्मन मेड एमएनएफ-2000 असॉल्ट राइफल हैं वो एक मिनट में 800 गोली फायर करते हैं *…*…

*और* वे PM के चारों तरफ होते हैं *मतलब कि 5000-10000 लोगों की भीड़ को* निपटाने की कूबत रखती है *SPG …*…

खैर फिर भी PM के काफिले को रोकना ही अपने आप में एक बड़ी बात है *और* मुझे लगता है कि इसका परिणाम हमें जल्द ही देखने को मिलेगा *…*…

शायद इस युद्ध को निर्णायक मोड़ देने के लिए *कर्ण को फंसे रथ के उपरांत भी मारते हुए देखने को मिल सकता है* तथा दुर्योधन के जंघा पर वार भी *…*…

फिर भी मैं अपनी उस बात पर आज भी अडिग हूँ *कि इस सारे तमाशे के पीछे सुप्रीम कोठा है …*…

*क्योंकि* इन सारे अराजक तत्वों को शक्ति उसी सुप्रीम कोठा से मिल रही है *…*…

*इसीलिए* यदि अराजकता रूपी रावण को मारना है *तो पहले उस रावण के नाभि के अमृतकुंड* अर्थात *सुप्रीम कोठा को सुखाना होगा …*…

*तभी* ऐसे घटनाओं पर प्रभावी रूप से लगाम लगाया जा सकेगा !!!! साभार!!!!!अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳*

 

 

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