मुसलमानों और मोदी में है किस वजह से 36 का आंकड़ा

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चंडीगढ़: 12 दिसंबर: आरके विक्रमा शर्मा/करण शर्मा/ अनिल शारदा प्रस्तुति:—मुसलमान मोदी से क्यों नफरत करते है जानना है तो आपको 1984 में जाना पड़ेगा :—
1984 मैं लोकसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार हुई और सिर्फ 2 सीट ही आयी,एक गुजरात मे महेसाणा और दूसरी आंध्रप्रदेश में।
तब के भाजपा अध्यक्ष अडवाणीजी ने भाजपा संघठन को दुरुस्त करने के लिए संघ से मदद मांगी,जिसके तहत संघ ने अपने खांटी प्रचारक नरेंद्र मोदी को गुजरात भाजपा को सौप दिया।
भाजपा अपनी खोई हुई जमीन तलाशने की जुगत में थी,नरेंद्र मोदी उस समय अहमदाबाद शहर भाजपा के संघठन मंत्री थे,और उसी समय 1985 मे अनामत आंदोलन ,भीषण हिन्दू मुसलमान दंगे में तब्दील हो गया।यही समय था ,जब गुजरात हिंदुत्व के प्रयोग की लेबोरेट्री बना,और मोदीजी लेब के संचालक।
निकट भविष्य में अहमदाबाद नगरनिगम का चुनाव आया,जो कि हिन्दू मुस्लिम के मुद्दे पर लड़ा गया।
परिणाम उस दिन से लेकर आजतक अहमदाबाद नगरनिगम के चूनाव कांग्रेस 35 साल में सिर्फ एक बार जीत पाई।इस सफलता ने गुजरात मे राजनीति की दिशा बदल दी।अगले 10 साल में यह हालत हो गयी कि गुजरात मे मुस्लिम एम पी अहमद पटेल का जितना तक नामुमकिन हो गया,मुस्लिम शब्द गुजरात की राजनीति में एक बोझ बन गया।
नरेन्द्रभाई ने हिन्दुओ के मन मे धर्म के प्रति आस्था बढ़ाई।
इस बात के तकरीबन 16 साल बाद ,*2001 में मोदीजी भाजपा की तरफ से गुजरात के मुख्यमंत्री बने,और 2002 के 26 फरवरी को गोधरा में कारसेवकों को ट्रेन में जिंदा भून दिया गया,इसका जो बदला लिया गया?….*
*अभी तक हिन्दुओ के मन में जो मुस्लिमो का खौफ था,इस घटना के बाद मुसलमान खौफ में जीने लगे।यह घटना औऱ उसके बाद हुए दंगे ने गुजरात के लोगो की मानसिकता एवम भारत की राजनीति बदल कर रख दी।*
*इस घटना के बाद मुख्यमंत्री बने मोदीजी ने गुजरात में मुस्लिमो की दादागीरी,अवैध वसूली,बिजली चोरी,अवैध धंधे पर लगाम लगा दी।*
2014 मैं प्रधाननमंत्री बने मोदी जी ने ,सेक्युलरिजम का दिखावा ,मुस्लिमो की मान्यता जैसे कि गज़वा ए हिन्द या भारत को इस्लामिक राज्य बनाना,या भारत बनेगा दूसरा पाकिस्तान की मूल अवधारणा की जड़ो में कुछ इस प्रकार मठ्ठा दाल दीया.
1–भारतीय राजनीति में मुसलमान होना एक बोझ बन गया,अगर भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ विपक्ष का प्रत्याशी मुस्लिम ही तो समझो मुस्लिम प्रत्याशी की हार पक्की।
2–राजकीय पार्टियों को मुस्लिम तुष्टीकरण पर लगाम लगने से मुस्लिमो का बार्गेनिंग पावर कम हो गया।
3–नोटबन्दी कर के पाकिस्तान की अर्थव्यबस्था चौपट कर दी।अमरीका एवम सऊदी अरब को भारत के साथ कर के भारतीय मुसलमानों को सप्पोर्ट करने वाले इको सिस्टम को तोड़ना शुरू कर दिया।
*4–पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कर के पाकिस्तान को समझा दिया कि कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे।जिससे भारत मे पाक प्रेमी मुस्लिमो की अंतड़ियों मैं ऐंठन आ गयी।*
*5–मोदी सरकार ने किसी भी प्रकार के मुस्लिम ब्लैकमेल के सामने ज़ुकबे से इनकार कर दिया.मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की भी छानबीन चालू कर दी,अतंकवाद पर नकेल कस दी,*
*6–CAA ला कर पाकिस्तान ,बांग्लादेश में फंसे हिन्दुओ को इस्लाम के जुल्म की चंगुल से छुड़ाया।*
7–तीन तलाक खत्म करने से मौलवियो की मुफ्त में हलाला के माध्यम से सेक्स एवम धन की उगाही पर रोक लग गई।
*8–अगर एनसीआर ठीक से लागू किया गया,तो भारतीय मतदान प्रणाली से 3–4 करोड़ घुसपैठिये दूर हो जाएंगे, जो मुस्लिम् परस्त राजनीतिज्ञ की ताबूत में आखरी कील होंगी।*
*9–मुस्लिमो को भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनांने का सपना टूटता हुआ नज़र आ रहा है,*
*उनका कश्मीर से एकाधिकार खत्म हो गया और कोई चु तक ना कर सका।*

यही सब वजह है कि मुसलमान मोदी को पसंद नही करते। मोदीजी भी यह जानते है।

*काश हर भारतीय यह समझ जाता.!!*
*हरऐक हिंदू को तो जुरुर समजना होगा *

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