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चंडीगढ़:- 2 नवंबर आरके विक्रमा शर्मा/अनिल शारदा प्रस्तुति:— धनतेरस के साथ ही दिवाली का पांच दिवसीय त्योहार शुरू हो जाता है| धनतेरस के बाद नरक चतुर्दशी फिर दिवाली, गोवर्धन पूजा और आखिर में भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस बार धनतेरस का त्योहार 2 नवंबर को मनाया जा रहा है| वहीं, धनतेरस के त्योहार को लेकर कई प्रकार की मान्यताएं हैं|
कहते हैं कि धनतेरस के दिन सोना-चांदी और बर्तन खरीदना शुभ होता है और इससे घर में बरकत बढ़ती है| इस दिन अगर ज्यादा कुछ न खरीद पाएं तो झाड़ू जरूर खरीदनी चाहिए| इसके साथ ही धनतेरस पर कुछ भी खरीददारी अगर शुभ मुहूर्त में हो तो वह विशेष फलदायी होती है| इसके साथ ही धनतेरस पर मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा का भी विधान है| माना जाता है कि धनतेरस पर मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा मुहूर्त के अनुसार करने से मां लक्ष्मी और कुबेर कि कृपा सदैव बरसती रहती है|
कुछ ऐसा करें… बरसेगी मां लक्ष्मी और कुबेर की कृपा ….
इस बार धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है| कहते हैं कि त्रिपुष्कर योग में जो भी कार्य किए जाते हैं, उसका तिगुना फल मिलता है| त्रिपुष्कर योग सोना-चांदी खरीदने के अलावा निवेश के लिए अच्छा बताया गया है| ध्यान रहे कि इस योग में कोई भी बुरा काम न हो|
ये रहे सारे शुभ मुहूर्त ….
- विजय मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर 54 मिनट से 2 बजकर 38 मिनट तक
- लाभ लग्न- सुबह 10.41 से दोपहर के 12.04 बजे तक
- प्रदोष काल- शाम 5 बजकर 35 मिनट से 8 बजकर 14 मिनट तक
- वृषभ काल- शाम 6 बजकर 16 मिनट से 8 बजकर 12 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त– सुबह 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 26 मिनट तक
- त्रिपुष्कर योग- सुबह 11 बजकर 31 मिनट तक।
- धनतेरस पूजा मुहूर्त- शाम 6 बजकर 18 मिनट से 8 बजकर 11 मिनट तक। साभार अर्थ परकाश।

