कोविड-19 डेल्टा निपाह कहीं भौतिक जीवन की तबाही तो नहीं है:- डॉ जेपी बंसल

Loading

चंडीगढ़:-3 अक्टूबर: आरके विक्रम शर्मा++करण शर्मा:– वर्ष 2019 में शुरू हुए अकाल मृत्यु का सबब बनने वाले कोविड-19 नामक महामारी ने चारों ओर त्राहि-त्राहि मचा रखी है। दुनिया से करोड़ों लोगों को बेवक्त अपने हंसते खेलते परिवारों को बिलखते छोड़ रुखसत होना पड़ा। कोविड-19 के बाद डेल्टा फिर निपाह और भी ना जाने कैसे-कैसे घातक वायरस इस संसार में एक दूसरे के घटन विघटन के बाद पर्याप्त मात्रा में पनपते जा रहे हैं‌। सीधा-सीधा देखा जाए तो लगता है कि भौतिक संसार सिमटता ही जा रहा है। इंसानों की धरती पर तादाद खत्म होने के कगार पर दिखाई दे रही है। ऐसे में अभी भी वक्त है। पर्यावरण को बचाते हुए स्वयं को बचाएं। और दूसरों के स्वास्थ्य का, उनके जीवन का महत्व समझते हुए उनको भी बचाएं। इस मामले में केंद्र सरकार व स्वास्थ्य विभाग जो भी दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं। अक्षरत उनका पालन करें। और दूसरों से भी पालन करवाने में अपनी महती भूमिका निभायें। यह विचार सेक्टर 20 स्थित सिविल डिस्पेंसरी के एमडी डॉक्टर जेपी बंसल ने लोगों को अभी भी लापरवाही ना बरतते हुए सतर्क जीवन जीने की ओर प्रेरित करते हुए व्यक्त किए।

अल्फा न्यूज़ इंडिया अभी भी सभी से पुरजोर गुहार लगाता है कि अभी भी भयंकर वायरस फैले हुए हैं। संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाएं। हाथों को नियमित रूप से स्वच्छ रखें। स्वच्छ कपड़े पहनें। और स्वच्छ वातावरण में जीवन यापन करें।

 

गलती कहां हो रही है?

 

बीमारी को पहचानने में देरी।

बीमारी को स्वीकार करने में देरी।

इलाज शुरू करने में देरी।

कोरोना (RTPCR) टेस्ट कराने में देरी।

लक्षण होने के बावजूद टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार करना और तुरंत इलाज शुरू नही करना।

बीमारी की गंभीरता को समझने में देरी।

दवाइयों से डर के कारण सारी दवाइयां खाने के बजाय आधी अधूरी दवाइयां खाना।

पांचवे या छठे दिन तबियत ज्यादा खराब होने पर भी CT और ब्लड टेस्ट नहीं कराना।

दूसरे स्टेज का ट्रीटमेंट (स्टीरॉयड) छठे दिन से शुरू नही करना और इसमें देरी करना।

Steroid की अपर्याप्त डोज लेना।

साथ में anticoagulent (खून पतला करने और खून में थक्का बनाने से रोकने की दवा) न लेना।

ऑक्सीजन लेवल नापने में लापरवाही के कारण ऑक्सीजन लेवल गिरने (Hypoxia) को समय से पकड़ न पाना।

ऑक्सीजन गिरने पर अस्पताल पहुंचने में देरी।

छठे दिन HRCT टेस्ट में 15/25 या उससे ऊपर का स्कोर आने पर भी घर में इलाज और तुरंत अस्पताल में भर्ती हों कर intravenous (इंजेक्शन से) ट्रीटमेंट न लेना।

 

ध्यान रखें, पहला हफ्ता आपके हाथ में। दूसरा हफ्ता आपके डॉक्टर के हाथ में और तीसरा हफ्ता भगवान के हाथ में। आप निर्णय लीजिए आप अपनी जिंदगी किसके हाथ में देना चाहते है…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

142346

+

Visitors