चंडीगढ़:- 18 सितंबर: आरके विक्रमा शर्मा करण शर्मा:– पूरे देश में आज तमाम बुद्धिजीवियों मीडिया कर्मियों और सियासत दानों की निगाहें पंजाब की धधकती सियासत पर केंद्रित हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफा दिए जाने की खबरों का खंडन ना होकर पुष्ट खबर होने की खबर है। और कांग्रेस हाईकमान द्वारा पंजाब की सियासत में मुख्यमंत्री का अगला चेहरा सुनील जाखड़ लगभग 99 प्रतिशत मुकर्रर है। पिछले लंबे अरसे से कैप्टन की सरकार डांवाडोल होती नाव की तरह जैसे-जैसे सीएम कार्यकाल को समाप्ति की ओर ले कर जा रही थी। पंजाब का बहुत बड़ा किसान वर्ग और टीचर समाज और सरकारी मुलाजिमों का जखीरा कैप्टन के खिलाफ लामबंद है। कांग्रेस हाईकमान कैप्टन और सिद्धू के मामलों को सुलझाने में खुद नाकाम रही है। साढे तीन दर्जन से ज्यादा विधायक कांग्रेस के खेमे में ही कांग्रेस के कैप्टन सीएम के खिलाफ हैं। कैप्टन की विदायगी के पीछे अंदर खाते बहुत से कद्दावर कांग्रेसी नेताओं का चेहरा धीरे-धीरे सामने आने लगा है।
सुनील जाखड़ ने भी ट्वीट कर कर राहुल गांधी को पंजाब के इस मसले को सुलझाने की एक तरह से शाबाशी ही दी है। उनके ट्वीट से कई तरह के संकेत सामने आ रहे हैं। और कयासों का दौर भी जारी है। तकरीबन एक साहसिक निर्णय सामने आ रहा है कि जाखड़ के सर ताज सजेगा। इसमें अब दो राय कम दिखाई दे रही है। सुनील जाखड़ और कैप्टन अमरिंदर सिंह की दोस्ती किसी वक्त खूब सराही जाती थी। लेकिन जब जाखड़ पंजाब कांग्रेस दल के प्रधान बने। तो दोनों में 36 के आंकड़े बनने शुरू हो गए थे। जाखड़ किसानी मुद्दों को उठाने में भी अग्रणी रहे हैं। ठीक अपने सियासतदान पिता बलराम जाखड़ की ही तरह। लेकिन अब बतौर मुख्यमंत्री अगर उनकी ताजपोशी होती है।तो पंजाब के मसलों को किस तरह से सुनील जाखड़ खुद सुलझाएंगे यह देखने वाली बात है।
और चलते-चलते बता दें कि कैप्टन अब देश की सबसे बड़ी इस वक्त की पार्टी में नया चेहरा बन कर जाएंगे यह भी कयासों का दौर जारी है। पंजाब की सियासत का ज्वार भाटा जोरों पर है। हरीश रावत पूरे सियासी जंग की कमान संभाले हुए हैं। हरीश रावत ने सिद्धू और कैप्टन के 36 के आंकड़े को निपटाने में हम भूमिका निभाने में भी खुद को नाकाम ही पाया है। और कैप्टन के साथ चलते चलते सिद्धू का बादशाह वाला पत्ता चला दिया। और कैप्टन को चलते कर दिया।
पंजाब की जनता हैरान जरूर है। और अगले चुनावों में पंजाब की जनता सुनील जाखड़ कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के हिस्सों की सियासत का मूल्यांकन करते हुए अपने अपने मतदान का सही प्रयोग करेंगे। यह कमर कसे पंजाब के वोटर वोट डालने की ही उत्सुकता में तत्पर बैठे हैं।