जैसलमेर में ट्रेक्टर फाइनेंस के नाम पर करोड़ों का घपला,
ट्रैक्टर रोड पर आये ही नहीं और उसकी आरसी भी बन गई
ट्रैक्टर कंपनी ने 65 ट्रैक्टर करवाएं फाइनेंस, सिर्फ 23 सही, कागजों में ही खरीदे गए बाकी 42 ट्रैक्टर
जैसलमेर जिले में ट्रैक्टरों के फाइनेंस के नाम पर करोड़ों का खेल खेला गया है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ट्रैक्टर्स के लोन स्वीकृत हो गए। ट्रैक्टर कंपनियों की एजेंसी चलाने वालों के खातों में पैसे भी गए। ट्रैक्टर रोड पर आया ही नहीं और उसकी आरसी भी बन गई। पिछले दो तीन सालों में करोड़ों का घपला हुआ है, ऐसे में अब धीरे धीरे इसकी परतें खुलती नजर रही है। कुछ लोगों का कहना है कि कई सालों से यह खेल चलता होगा लेकिन इन दिनों जब लोगों को नोटिस मिले तभी इस खेल की पोल खुल रही है। पीड़ित राणसिंह के घर लोन की किश्ते नहीं भरने का नोटिस पंहुचा इस फर्जीवाड़े का पता चला। जब इस मामले की जानकारी हुई तब इसकी पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कई गरीबो के दस्तावेज चोरी से हड़प उनकी आरसी भी बना दी ओर उस पर लोन उठाया गया और करोड़ों रुपए को इधर उधर कर दिया गया। इस मामले में कई ट्रैक्टर्स की आरसी बन गई और नंबर भी जारी हो गए, लेकिन उन रजिस्ट्रेशन नंबर के ट्रैक्टर सड़क पर आए ही नहीं। परिवहन विभाग इस मामले से पूरी तरह से अनभिज्ञ रहा। हाल ही में कुछ लोगों ने शिकायत की तो विभाग को पता चला, लेकिन जानकारों के मुताबिक इस मामले में डीलर्स, फाइनेंस कंपनियां परिवहन विभाग की मिलीभगत है। बिना मिलीभगत के इतना बड़ा खेल संभव ही नहीं है। परिवहन अधिकारी टीकूराम से जब पूछा तो उसने गोलमाल जवाब देते हुए कहा की जो आर सी मिली हे उस पर सिकंदर शेख के साइन पाए गए हे इस घोटाले पर विभाग ने जाँच टीम गठित की हे और फाइनेंस कंपनी से सभी दस्तावेज़ मंगवा मामले की जाच की जाकर आगे कार्यवाही की जाएगी। और यह भी आशंका लगाई जा रही हे की चोरी के वाहनों पर इन फर्जी आर सी का उपयोग हो सकता हे सिमावर्ती ज़िले की सुरक्षा में बड़ा ख़तरा l