धांधली और घपलों के कारण निरंतर गिर रही है एसबीआई की साख

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♦जयपुर : 15 सितंबर:- एडवोकेट विनीता शर्मा प्रस्तुति:– अगर रक्षक ही भक्षक बन जाए। या दूसरों को चिकित्सा उपलब्ध करवाने वाले चिकित्सक ही बीमार पड़ जाएं। या खेत को खेत की बाड़ ही खाने लग जाए। तो फिर तो सबका भगवान ही रखवाला हो, तो ही बचाव है।

कुछ ऐसा ही वाक्यात एस बी आई की स्थानीय ब्रांच में सामने आया है। जहां बैंक अधिकारी ही लोगों के धनराशि को हड़प गया। करीब साढे़ चार माह पहले आदर्श नगर थाने में बैंक प्रबन्धन ने शाखा के असिस्टें मैनेजर जयपुर के मुरलीपुरा निवासी हेमन्त वर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। कि उसने ग्राहकों के खाते से बिना विड्रोल फार्म करीब 9.50 रुपए अन्य खातों में ट्रांसफर कर गबन किया हैं। तब से ही आरोपी फरार चल रहा था।

मुखबिर की सूचना पर आरोपी के मुरलीपुरा स्थित उसके घर पर दबिश दी। और आरोपी को गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया। पुलिस आरोपी से मामले को लेकर पूछताछ कर रही है।

आरम्भिक जांच में सामने आया कि आरोपी हेमंत कुमार ऑनलाइन सट्टे व शेयर बाजार में मोटी राशि कमाने के चक्कर में 30 लाख गंवा बैठा। और करीब 20 लाख रुपए की राशि उधार ली। जिसका 20 हजार रुपए मासिक ब्याज का भुगतान करना होता था। उधार की राशि का भुगतान नहीं करने पर उसके खिलाफ जयपुर में मुकदमा दर्ज हुआ था। कर्ज चुकाने के लिए ही उसने बैंक ग्राहकों के खातों में हेरा फेरी की।

आदर्श नगर थाने के उपनिरीक्षक कन्हैयालाल ने बताया कि गत 24 अप्रैल को आदर्श नगर SBI शाखा के प्रबन्धक अभिजित कुमार ने रिपोर्ट देकर बताया कि करीब दस से बारह ग्राहकों के खातों से बिना विड्रोल असिसटेन्ट मैनेजर हेमन्त वर्मा ने राशि ट्रांसफर कर ली। जो कि करीब 9.50 लाख थी। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में पाया कि आरोपी हेमन्त ने अपनी आईडी से बिना ग्राहक के विड्रोल फार्म भरे राशि अन्य लोगों के खातों में ट्रांसफर की और बाद में उनके यह राशि ले ली।

 

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