धन्य है हिंदुस्तान, धन्य हिंदू और धन्य हिंदुओं के महान ऐतिहासिक पौराणिक धार्मिक वेद ग्रंथ

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चंडीगढ़:-03 सितंबर:- आरके विक्रमा+करण शर्मा प्रस्तुति:—- भारतवर्ष का सभ्यता और संस्कृति का इतिहास धरती पर सबसे पुराना इतिहास है जो अपने अंदर संस्कृतियों और सभ्यताओं का सुमेल है। जो देवी-देवताओं ऋषि-मुनियों और सनातनी आसथावानों का धर्म कर्म और मर्म है। परिवारिक धार्मिक संस्कारों की समूची दुनिया ऋणी है। यह हिंदू धर्म ही है। जिससे हजारों धर्म ज्ञान व शिक्षाएं सहित मार्गदर्शन लेकर पनप रहे हैं। और फल फूल रहे हैं। यह धर्म सर्व कल्याण का डंका बजाता है। दुनिया में आज पर चले हजारों धर्मो की जननी हिंदू धर्म ही है उसी की शिक्षाओं ज्ञान उपदेशों मान्यताओं को नए धर्मों ने अपने अपने ढंग से व्याख्या की है लेकिन वास्तव में वह सब हिंदू धर्म की ही संपत्तियां हैं हिंदू धर्म के बाद धरती पर सबसे पुराना धर्म इस्लाम माना गया है जो मक्का मदीना में भगवान शंकर की ही पूजा करते हैं और अपने जीवन में एक बार उनके दर्शन करने को अपने जीवन का पूर्ण समझते हैं। यह धर्मवत विचार धर्म में आस्थावान और रत समाजसेवी प्रवृत्ति के धनी परोपकारी व  परमार्थी स्वभाव वाले पंडित रामकृष्ण शर्मा ने व्यक्त किए हैं।

शाहजहां को उसके बेटे औरंगजेब ने 7 वर्ष तक कारागार में रखा था। वह उसको पीने के लिए नपा-तुला पानी एक फूटी हुई मटकी में भेजता था… तब शाहजहाँ ने अपने बेटे औरंगजेब को पत्र लिखा जिसकी अंतिम पंक्तियां थीं-

 

“ऐ पिसर तू अजब मुसलमानी,

ब पिदरे जिंदा आब तरसानी,

आफरीन बाद हिंदवान सद बार,

मैं देहदं पिदरे मुर्दारावा दायम आब”

 

अर्थात्

 

हे पुत्र ! तू भी विचित्र मुसलमान है, जो अपने जीवित पिता को पानी के लिए भी तरसा रहा है। शत शत बार प्रशंसनीय हैं वे ‘हिन्दू’ जो अपने मृत पूर्वजों को भी पानी देते हैं। 🙏

 

#इसाई_धर्म

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ईसा एक है

बाइबिल एक।

फिर भी, लेटिन कैथलिक, सीरियन कैथलिक, मारथोमा, पेंटेकोस्ट, सैल्वेशन आर्मी, सेवेंथ डे एडवांटिष्ट, ऑर्थोडॉक्स, जेकोबाइट जैसे 146 फिरके आपस में किसी के भी चर्च में नहीं जाते।

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#इस्लाम_धर्म

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अल्लाह एक,

कुरान एक,

नबी एक।

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फिर भी शिया, सुन्नी, अहमदिया, सूफी, मुजाहिद्दीन जैसे 13 फिरके एक दूसरे के खून के प्यासे। सबकी अलग मस्जिदें। साथ बैठकर नमाज नहीं पढ़ सकते। धर्म के नाम पर एक-दूसरे का कत्ल करने को सदैव आमादा।

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#हिन्दू_धर्म

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1280 धर्म ग्रन्थ

10 हज़ार से ज्यादा जातियां, अनगिनत पर्व एवं त्योहार,

असंख्य देवी-देवता।

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एक लाख से ज्यादा उपजातियां, हज़ारों ऋषि-मुनि, सैकड़ों भाषाएँ।

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फिर भी सारे हिन्दू सभी मन्दिरों में जाते हैं और सारे त्योहारों को मनाते हुए आपस में शान्ति एवं शालीनता से रहते हैं।

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यह है भव्यता, सुन्दरता और खूबसूरती हिन्दू धर्म की …… !!

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