चंडीगढ़ /शिमला ; 6 दिसम्बर ; आरके शर्मा विक्रमा / एचपीशर्मा मिंटू ;—–देव भूमि हिमाचल प्रदेश में इस मर्तबा राधास्वामी डेरे के कथित कारनामे ने नया तूफ़ान ला रखा है ! डेरों में मची अफरातफरी ने नींद तो सबकी उड़ा रखी है ! संबंधित विभागों की मिलीभगत व् नालायकी जल्दी ही सामने आने से डेरे के प्रति आस्था को इक बार फिर डेरा सच्चा सौदा के बाद गहरा पक्षाघात होने वाला है ! देवधरा में एक अन्य राधास्वामी डेरा गहरे विवादों में फंसा है। वीरों की धरती पंजाब के इस राधास्वामी सत्संग, ब्यास डेरे के देवभूमि में अनेकों छोटे बड़े डेरे /संगठन हैं ।जिला कांगड़ा के पालमपुर के समीपवर्ती “परौर” में भी ब्यास वालों का डेरा है। यही डेरा अब विवादों में फंसा है। और आरोप ये लगे हैं कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास वालों ने देव भूमि के कांगड़ा जिला के “परौर” में कथित तौर पर तकरीबन 648 कनाल जमीन पर चायपत्ती बागान को हटाते हुए हिमाचल सरकार की आज्ञा के बगैर खूब बड़े शैडों के गैरकानूनी निर्माण कार्य को अंजाम दिया है। इसकी संबंधी ऐतराज व् शिकायत हिमाचल प्रदेश के हाईकोर्ट में गई । राधास्वामी सत्संग ब्यास संगठन की ओर से तमाम नियमों व् कानूनों को दर किनारे करने की उक्त शिकायत पर हिमाचल हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव और फारेस्ट डिपार्टमेंट और जिलाधीश कांगड़ा से महज दो हफ्तों में ही जवाब तलब किया है।
हिमाचल;प्रदेश के हाईकोर्ट के माननीय चीफ जस्टिस के नाम लिखे गए उक्त पत्र में शिकायत दर्ज करवाई गई और कहा गया है कि राधा स्वामी सत्संग डेरे ने “परौर” में गैर-कानूनी तरीके से करीब 550 कनाल फारेस्ट लैंड [वन भूमि] पर गैरकानूनी व् अवैध कब्जा बनाये रखा है। यही नहीं डेरे द्वारा रेलवे की जमीन पर भी इसी क्रम में अवैध अतिक्रमण किया गया है।हिमाचल प्रदेश के हाईकोर्ट के माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री संजय करोल और माननीय न्यायाधीश श्री संदीप शर्मा की खंडपीठ ने उक्त उजागर की गई अनियमितताओं के मद्देनजर प्रतिवादियों से स्पष्ट तौर पर जवाब तलबी की है। शिकायती पत्र में आरोप लगे हैं कि उपरोक्त डेरे ने कई सैंकड़ों हरेभरे “चीड़ों” के पेड़ कटवा कर पांच अवैध सड़कों का निर्माण करवाया जोकि फारेस्ट लैंड पर बनी हैं ! फारेस्ट लैंड जोकि “परौर” स्थित डेरे के साथ लगती है, को गैर-कानूनी मनमर्जी ढंग से किराए [ रेंट आउट ] पर उठवाया हुआ है !
प्रार्थियों ने डेरे द्वारा कथित तौर पर की जा रही अनेकों अनियमितताओं व् गैरकानूनी सहित अवैध ढंग से किए गए कब्जों की निष्पक्ष जांच “सीबीआई” करवाए जाने की पुरजोर मांग की ! हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से ये भी ठोस अपील की गई है कि माननीय हाईकोर्टय उक्त केस की गंभीरता पूर्वक जांच की निगरानी की पैनी निगाह रखे । इस केस की अगली सुनवाई अब बुधवार, 13 दिसंबर को निर्धारित है।