राष्ट्रीय ध्वज फहराने की कीमत दो अफ़गानों ने, अपने प्राण गंवा कर चुकाई

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नई दिल्ली:- 19 अगस्त :–सुमन बैदवान :- अफगानिस्तान में इंसानियत का जीवन तालिबानियों की बंदूकों की नोक पर टिप्पर टिका हुआ है तालिबानी अफगानिस्तान के लोगों के अंदर कदम जुल्मों सितम ढा ने का क्रम जारी रखे हुए हैं जला देने वाली खबरें पूरी दुनिया को भयभीत कर रही हैं पाकिस्तान के लोग संगीनों के साए में जी रहे हैं।

और इसमें मानवाधिकार का यहां वहां हर कहीं खुलेआम कत्ल हो रहा है। 19 अगस्त को काबुल के असदाबाद  सिटी में अफगानिस्तान के नागरिकों के एक समूह ने राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। इसकी भनक पड़ते ही तालिबानियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। जिसमें अफगानिस्तान के दो नागरिक अपना राष्ट्रीय ध्वज पर आने के जुर्म में गोलियों से भून किए । तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर तकरीबन पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। लेकिन खबर यह भी है कि अमेरिका फौज ने काबुल के एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले रखा है। और पूरी तरह से सुरक्षित है।

खबर यह भी है कि तालिबानियों के कहर से बचने के लिए अफगानिस्तानी यहां वहां अपने और अपने परिवार जनों की जान बचाते फिर रहे हैं। तालिबानियों ने भारत के साथ भी व्यापारिक संबंध फिलहाल स्थगित कर दिए हैं। लेकिन यह भी सुनने में आया है कि तालिबानियों ने वहां स्थित गुरुद्वारों और मंदिरों के लोगों को अभय दान दिया है। भारत में भी मंगलवार और बुधवार को केंद्रीय सिक्योरिटी हाई प्रोफाइल कमेटी की हंगामी बैठक हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अमित शाह राजनाथ सिंह और अजीत डोभाल ने अनेक मुद्दों पर विचार विमर्श किया है।

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