चंडीगढ़:- 23 जून: अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति :–रोपड़ पुलिस ने आज 6 व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ जाली रैमडेसिविर बनाने वाले करोड़ों रुपए के अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश किया है जिसमें गिरोह का सरगना भी शामिल है जो कोविड-19 के गंभीर मरीज़ों के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली एंटी-वायरल ड्रग को जाली तौर पर तैयार करके इसकी कालाबज़ारी करता था।
पुलिस ने इन वाईल्स (शीशियाँ) को बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए डिज़ाइन और पैकजिंग सामग्री भी बरामद की है। इसके अलावा दोषियों से 2 करोड़ रुपए की नकदी और मारुति बलेनो (यू.पी. 12 बीबी 6710), टोयोटा ईटीओस (यू.के. 08 एसी 2561), हुंडाई आई20 (पी.बी. 65 एयू 5784) और मारुति स्विफ्ट डिज़ायर (सी.एच. 01 एक्स 7862) समेत चार गाड़ीयाँ भी बरामद की हैं।
पंजाब के डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि इनमें से एक दोषी मुहम्मद शाहवर ने दस महीने पहले दवाओं का स्टॉक रखने के लिए गाँव मलोआ में किराये पर जगह ली थी। पिछले महीने भाखड़ा नहर में शीशियों की बरामदगी के बाद मामले की जांच के लिए गठित की गई एस.आई.टी. ने बरामद की गई शीशियों पर लिखे पते का पता लगाया जो मालोआ के नौटविन्स फार्मासूटीकल्स का था, जिसके मालिक से पूछताछ की गई। डी.जी.पी. ने आगे कहा कि उससे प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस को समूची साजिश को बेनकाब करने और अपराधी की पहचान करने में मदद मिली।
पंजाब के डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने बताया कि इनमें से एक दोषी मुहम्मद शाहवर ने दस महीने पहले दवाओं का स्टॉक रखने के लिए गाँव मलोआ में किराये पर जगह ली थी। पिछले महीने भाखड़ा नहर में शीशियों की बरामदगी के बाद मामले की जांच के लिए गठित की गई एस.आई.टी. ने बरामद की गई शीशियों पर लिखे पते का पता लगाया जो मालोआ के नौटविन्स फार्मासूटीकल्स का था, जिसके मालिक से पूछताछ की गई। डी.जी.पी. ने आगे कहा कि उससे प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस को समूची साजिश को बेनकाब करने और अपराधी की पहचान करने में मदद मिली।
उक्त फार्मासूटीकल्स के मालिक ने यह भी खुलासा किया कि दिल्ली, पानीपत, अम्बाला सहित विभिन्न पुलिस इकाईयों ने अपराधियों के ठिकानों का पता लगाने के लिए वहाँ छापेमारी की थी।
डीजीपी ने आगे बताया कि अन्य राज्यों में उनके कामकाज वाले टिकानों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है और बरामद की शीशियों के नमूने फोरेंसिक जांच के लिए सी.डी.एस.सी.ओ, कोलकाता भेजे गए हैं जिससे यह पता लगाया जा सके कि इन जाली दवाओं में कौन से पदार्थ/रसायनों का प्रयोग किया जा रहा था।
इसके इलावा मुहम्मद शाहवर और उसके सहयोगी जिसकी पहचान शाह नाज़र के तौर पर हुई है और जो इन नकली टीकों की सप्लाई का मुख्य दोषी है, को नामजद करने के बाद, रोपड़ पुलिस ने और जानकारी हासिल करने के लिए शाहवार के मुख्यालय और घर काला अंब में छापेमारी की। गुप्ता ने बताया कि इस दौरान शाहवर फरार होने में कामयाब हो गया और गिरफतारी से बचने के लिए कम से कम एक महीने के लिए वह गोआ, बंगलोर, यू.पी, दिल्ली और अन्य कई स्थानों पर छिपा रहा।
पिछले महीने 6 मई को रूपनगर के गाँव सलेमपुर और बालसन्दा में भाखड़ा नहर से 3000 वाइलें जिसमें 621 रिमडेसीवीर और 1456 सेफोपेराजोन इसके इलावा 849 बिना नाम वाले शीशियां थी, बरामद करने के बाद एस.पी. हैडक्वाटर डा. अंकुर गुप्ता के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) का गठन किया गया।
रोपड़ के एस.एस.पी. अखिल चौधरी अनुसार गिरफतार किये गए व्यक्तियों की पहचान मुहम्मद शाहवर निवासी उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुजफ्फरनगर के गाँव खुडडा, अर्शद खान निवासी बाघपत, यूपी, मुहम्मद अर्शद सहारनपुर यू.पी ; हरियाणा के कुरूक्षेत्र के प्रदीप सरोहा और शाह नाज़र और शाह आलम दोनों निवासी बहिलोपुर, मोहाली के तौर पर हुई है।
एसएसपी ने बताया कि इस सम्बन्ध में आइपीसी की धारा 188, 278, 468, ट्रेडमार्क एक्ट की धारा 103, जल (रोकथाम और नियंत्रण) एक्ट की धारा 43, जरूरी वस्तुओं की धारा 7, महामारी रोग एक्ट की धारा 3, आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 53, 54, 57 और ड्रग्गज और कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 27 के अंतर्गत चमकौर साहिब थाने में एफ.आई.आर. नं. 46 तारीख 6 मई, 2021 पहले ही दर्ज की जा चुकी है।