पत्थरबाजों के केस वापस और सेना पर एफआईआर दर्ज,जय हो लोकतंत्र
चंडीगढ़ ; 4 फरवरी ; अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;—– भारतदेश में कब क्या होगा कौन कर देगा किस के लिए हो जायेगा इन सब सवालों के जवाब बेशक रब्ब के पल्ले भी नहीं हैं ! आज करोड़ों भारतियों को उस वक़्त भारी धक्का लगा जब खबर पढ़ने को मिली कि कश्मीर में 9730 पत्थरबाजों पर दर्ज हुए केस जल्दी ही वापस लिए जायेंगे ! साल 2008 से लेकर 2017 तक पत्थरबाजी में मशगूल इन लोगों पर हजारों दर्ज केस वापस होंगे भले ही इनके पत्थरबाजी से जख्मी हुए हजारों सैनिकों के अभी तक भी जख्म हरे ही हैं ! ये देश का वो सिस्टम है जो जान बचाने वाले पर हमले करनेवाले आज की सरकारों के दौर में महफूज रहेंगे और सैनिकों पर एफआईआर दर्ज हुई ! ये केस वापस लेने के लिए जम्मू कश्मीर सरकारों ने पल भर की देर तक नहीं की ! महबूबा मुफ़्ती चीफ मिनिस्टर ने 3 फरवरी को स्पष्ट किया कि 1745 केस वापस लेने की सरकारी कार्यवाही कुशः शर्तों पर डिपेंड होगी जोकि मामले की पड़ताल हेतु गठित एक समिति की सिफारिशों पर आधारित होंगी ! ये सरकार 4000 से भी अधिक लोगों को आम माफ़ी देगी !
पर उधर सेना पर जेएंडके पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को क्यों नहीं निरस्त क्या जायेगा इसके बारे में सब के मुंह पर मोहरें ख़ामोशी पसरी है ! न महबूबा मुफ़्ती और न ही उम्र अब्दुल्ला ने मुंह खोला है ! इससे ज्यादा लिखने की जरूरत ही नहीं सब साफ है कि कौन कितना पाक और कितना कौन नापाक ! देश की न्यायपालिका और वर्दी के पालनहारे और सरकारों के रखवारे अपनी सेना के प्रति कितनी संजीदगी रखते हैं ये पत्थरबाज लोगों और सेना के जवानों के ऊपर दर्ज केसों की बानगी ही तय कर रही है ! सोशल मीडिया पर सेना पर दर्ज एफआईआर होने का देशवासियों ने खूब संज्ञान लिया लेकिन महबूबा मुफ़्ती कब जागेगी ये अभी देखना बाकि है !