सोहनी सिटी में छह दिवसीय सिल्क प्रदर्शनी का आयोजन

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सोहनी सिटी में छह दिवसीय सिल्क प्रदर्शनी का आयोजन

मंगलगिरी पर ध्यान मग्न बुद्धा, सोने के तारों से सजी श्रीदेवी साडी

चंडीगढ़ : 23 फरवरी ; अल्फ़ा न्यूज इंडिया ;—-देशभर के शिल्प बुनकरों को रोजगार देने के उद्देश्य से हस्तशिल्प द्वारा छह दिवसीय सिल्क इंडिया प्रदर्शनी का आयोजन मध्यामार्ग स्थित हिमाचल भवन में किया जा रहा है। इस प्रदर्षनी में मुल्ख  के तमाम राज्यों से आए 100 से ज्यादा बुनकर भाग ले रहे है। प्रदर्षनी में आए दक्षिण के कलाकारों ने सिल्क पर अपनी कला का उम्दा प्रदर्षन किया है। वेस्ट  बंगाल के बुनकरों ने सिल्क साडी पर शिव तांडव दिखाया है तो आंध्रा  के बुनकरों ने फेब्रिक  रंगो से सिल्क साडियों पर पेंटिंग ही तैयार कर दी है।

उपरोक्त जानकारी देते हुए संस्था हस्तशिल्पी के टी अभिनंदन बताया कि प्रदर्शनी में मध्यप्रदेश के साथ ही राजस्थान , गुजरात , जम्मू कश्मीर , कर्नाटक ,आंध्र प्रदेश ,केरल ,चेन्नई आदि राज्यों के बुनकर अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने आए । प्रदर्शनी में कोलकाता से आई शिल्पकार मिट्ठू मित्रा अपने साथ वेजिटेबल रंगों से तैयार हैंड पेंटिंग साड़ियां लाई है उनके पास 60 ग्राम वजन की ढाका  सिल्क  साड़ी भी है । जामदानी के काम के बाद भी इस साड़ी का वजन इतना कम होना ही बुनाई कला की खास पहचान है । पुणे में सौदामिनी संस्था चलाने वाली अनघा यहां  पैठणी साड़ियों का कलेक्शन प्रदर्शित कर रही है । यह साड़ियां महिलाओं की संस्था द्वारा तैयार की जाती है साड़ियों की कीमत डेढ़ लाख रुपए तक है । इसके साथ ही आंध्रा का टाई एंड आई पटोला सिल्क प्रदर्शित किया गया है। साड़ियों में कलमकारी से दुर्गा , बुद्धा, कत्थक कली और ट्रेडिशनल आर्ट को दिखाया गया है। । प्रदर्शनी में आई पेंटर शिखा वैद्य ने कॉटन पर राधा कृष्ण, मोर जेसी डिजाइनों को पेंट किया है ।

प्रदर्षनी में मैसूर सिल्क साड़ियाँ, क्रेप और जार्जेट सिल्क साड़ियाँ, शिफॉन सिल्क साड़ियाँ, टसर सिल्क साड़ियाँ और सूट, कांचीपुरम सिल्क साड़ियाँ और शादी की साड़ियाँ, डिजाइनर फैन्सी साड़ियाँ, धर्मावरम सिल्क साड़ियाँ, रॉ सिल्क और टसर, जूट सिल्क साड़ियाँ, ढाका सिल्क साड़ियाँ, हैंडलूम सिल्क कॉटन साड़ियाँ, सिल्क ब्लेंड साड़ियाँ और दुपट्टे, सिल्क शॉलें, , उप्पडा, गढ़वाल सिल्क साड़ियाँ, हैंड ब्लॉक प्रिंट साड़ियाँ, सूट और सिल्क बेड कवर, डिजाइनर वेयर और बार्डर लेजेस, कुर्तियां, हाथ से बुने मटका और असम मूंगा कपड़े, अपूर्व सिल्क साड़ियाँ, बालूचरी साड़ियाँ, कढ़ाईदार डिजाइनर सिल्क साड़ियाँ और ड्रेस मैटेरियल, भागलपुरी सूट, प्रिंटेड सिल्क साड़ियाँ, रेशमी प्लेन और बूटी साड़ियाँ, कर्नाटक सिल्क साड़ियाँ, महेश्वरी, चंदेरी सिल्क साड़ियाँ और सूट और कोटा सिल्क, मलबरी सिल्क टेम्पल बार्डर के साथ, बनारस जामदानी, हाथ से बुनी साड़ियाँ प्रदर्शित की जा रही है।
टी अभिनंद ने बताया कि सिल्क इंडिया का समापन 25 फरवरी को होगा। कलाप्रेमी दोपहर 10.30 बजे से रात 9 बजे तक मुल्क  भर के कोने कोने से आए बुनकरो की बुनाई कला को निहार सकते हैं।

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