शनिचरी संक्रांति, वैसाखी,विष्णु मास नाना प्रकार से मनाया
चंडीगढ़ ; 14 अप्रैल ; आरके शर्मा विक्रमा ;—-आज शनिवार दिवस का अपना खूब महत्व स्थापित हुआ जब आस्थावानों ने संक्रांति वो भी शनिवार को पड़ने के चलते ताल तालाबों नदियाँ कुपो, सरोवरों सहित गंगा सरस्वती जमुना संगम सहित देश की अनेकों बड़ी छोटी नदियों में मन तन को पवित्र करते स्नान सम्पन्न किये ! इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सोहनी सिटी के जानेमाने ज्योतिषी और कर्मकांडी पंडित चंद्र मोहन शर्मा [ शास्त्री बिट्टू जी ] ने कहा कि हर मास पड़ने वाली संक्रांति के महत्व सर्वविदित हैं सो भगवान को मानने और जानने वाले जन बड़ी सवेरे उठते और बाहर जाकर स्नान क्रिया सम्पन्न करते हैं ! पूजा अर्चना के साथ जरूरतमंदों को दान दक्षिणा देकर और लंगर लगाते है ! धर्मगंगा में गोते लगाते हुए भजन कीर्तन और प्रवचन चर्चा सम्पन्न किये जाते हैं !
पंजाब का प्रिय पर्व वैसाखी खूब उत्साह और धूमधाम से मनाया गया ! आज से फसलों की विधिवत कटाई की जाती है ! कृषकों को महीनों को अथक साधना का फल पक कर घर जाने को तैयार हुआ होता है ! किसान अपनी दिनरात की मेहनत अपनी आँखों के सामने पाकर गदगद होकर झूमता नाचता गाता भंगड़े डालता है और सब और “जट्टा आई वैसाखी मुकी हूँ फसलां दी राखी” जैसे सारगर्भित लोक गीत गाते हैं !
गीताधाम स्थित वृद्धआश्रम में जीवन यापन कर रही माता सरला के मुताबिक वैसाख महीना भगवान शिव महाराज जी का प्रिय मास है ! ठीक वैसे ही जैसे कार्तिक मास भगवान शिवशंकर जी के प्रिय भगवान लक्ष्मी नारायण श्री विष्णुहरि का सर्वप्रिय मास है ! इसमें दान, भूखे को अन्न और नग्न को वस्त्र और धर्म की गुणगाथा करने से पुण्य प्राप्त होता है !