ब्रह्मण का कर्म धर्म ब्रह्मचर्य की पालना और मानव कल्याण ; जगदम्बा रतूड़ी

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ब्रह्मण का कर्म धर्म ब्रह्मचर्य की पालना और मानव कल्याण ; जगदम्बा रतूड़ी     
मोहाली ; 17 अप्रैल ; आरके शर्मा विक्रमा ;—-आज के परिवेश में ब्राह्मण की भूमिका जवाबदेही और जिम्मेवारी से भरी है ! समाज दिशाविहीन हो रहा है और धर्म व् राजनीती खुद  अँधेरी गली की राही बनती जा रही है ! धर्म के पुरोधा ब्राह्मण ही इसकी दिशा और दशा सुधार सकते हैं ;ये धर्मवत विचार केंद्रीय मंदिर पुजारी परिषद वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान आचार्य जगदम्बा प्रशाद रतूड़ी ने अल्फ़ा न्यूज इंडिया के साथ सांझे करते हुए व्यक्त किये ! आचार्य रतूड़ी आज की भ्रष्ट और आचरण से गिरती राजनीति को लेकर व्यथित हैं ! उनके मतानुसार धर्म ही राजनीति का असली मार्गदर्शक और पहरेदार है ! और आज दोनों जहरीली निंद्रा के 
 व्यसनी हैं ! धर्म के ठेकेदारों ने धर्म की गरिमा और राजनीती में परिवार ने राजनीति के सेवा और कर्तव्यभाव सहित सटीक जिम्मेवारी व्  जवाबदेही की कसौटी का बेडा गर्क कर डाला है ! वोट की राजनीति ने युवा समाज सहित नारी समाज को कलुषित करने में कोर कसर  नहीं छोड़ी है ! दोनों क्षेत्रों का आत्मिक स्तर पर मंथन जरूरी है ! सुधार की मंजिल भी कोई ज्यादा दूर नहीं है ! देश प्रेम और सादगी भरा जीवन जीने की ललक सब कुछ ठीक करने में सक्षम है ! समाज में गौ ब्राह्मण कन्या की कदर और फ़िक्र काम होने से सब उल्टा होना स्वाभविक है ! आचार्य रतूड़ी के उक्त विचारों का जाने माने  सामजसेवी और धर्मप्रज्ञ पंडित रामकृष्ण  शर्मा [पंचकूला]  ने भरपूर समर्थन किया और कहा है कि सब को अपने अपने भीतर झाँक कर थोड़े थोड़े परिवर्तन करने ही होंगे ! राजनीति और धर्म सेवा सिखाते हैं  नाकि व्यवसाय ! बस ये ही दोनों का मूल ज्ञान जानकारी भी है ! पंडित सोमदत्त शर्मा [ओएसडी, एमएलए बलबीर सिंह सिद्धू ,मोहाली ] ने अपने विचार सांझे करते हुए कहा कि जब जब धर्म पथभ्रष्ट हुआ राजनीति ने ओछी राह पकड़ी है ! उन्हों ने जोर देकर कहा कि धर्म अक्षरत  पूरक और मार्गद्रष्टा  परन्तु राजनीति धर्म की पूरक नहीं रही है ! हाँ ! धर्म की रक्षा का दायित्व युगों युगों से राजनीति  पर रहा है, और रहेगा !   

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