चंडीगढ़/ जोशीमठ:-24 मार्च आर के विक्रमा शर्मा/ एनके धीमान:—पहाड़ों पर अभी भी खूब बर्फबारी हो रही है! इसीलिए मैदानी इलाकों में ठंड का अभी भी पहरा लगा हुआ है! लोग मिले-जुले मौसम का दिन रात खूब आनंद ले रहे हैं! हेमकुंड साहब के कपाट इस वर्ष 10 मई को सिख धर्म की आस्था वालों के लिए खोले जाएंगे!! इस मर्तबा यह पहली बार होगा जब हेमकुंड साहिब के कपाट 10 मई को खुलेंगे!’ इस बार हेमकुंड साहब में बर्फ भी कुछ कम ही रह चुकी है। इसलिए कपाट भी जल्दी ही खोले जा रहे हैं। अप्रैल के पहले सप्ताह में सेना की इंजीनियर कोर के जवान आस्था पथ पर रास्ता बनाने का काम शुरू करेंगे। हेमकुंड साहिब के कपाट हर साल 25 मई को खोले जाते थे। इस बार बर्फबारी कम हुई है। इसलिए 10 मई को ही या कपाट खोल दिए जाएंगे। अधिक बर्फबारी होने पर कपाट 1 जून या 5 जून को खोले जाते थे। लेकिन इस मर्तबा मुख्य पड़ाव गगरिया में भी बहुत कम बदेखी जा रही है। जो हेमकुंड साहब के रास्ते का मुख्य पड़ाव माना जाता है। हेमकुंड साहब ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह बिंद्रा ने बताया कि पिछले साल कोविड-19 के कारण कम श्रद्धालु यहां पहुंचे थे। इससे लोगों का व्यापार प्रभावित हुआ अब कपाट जल्दी खोलने से व्यापारियों को अपना व्यापार कर रोजी-रोटी खूब कमाने का अवसर जल्दी ही मिलने वाला है। कपाट खुल जाने से घोड़े खच्चर और रास्ते में चाय आदि के लिए खोखे वाले भी खूब कमाई करेंगे। क्योंकि इस बार कपाट 10 मई को खोले जाएंगे। जबकि हर साल 1 जून या 5 जून को ही या कपाट खोले जाते थे। लोगों में और खासकर सिख समाज में खूब उत्साह है। और इस बार बहुत बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुंचने की संभावना है। बशर्ते कोविड-19 थम जाए। और लोगों में महामारी के प्रति जागरूकता के साथ-साथ पर्यावरण और भौतिक जीवन के प्रति भी जागरूकता बढ़े।।