शहर के नामचीन पत्रकार ने साथियों संग मिल कर डाला बड़ा कांड, पत्रकारिता भी हुई शर्मसार

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चंडीगढ़ :02 मार्च : अल्फा न्यूज इंडिया डेस्क:– चंडीगढ़ में करोड़ों की कोठी पर कब्जे के मामले पत्रकार व प्रॉपर्टी डीलर गिरफ्तार, मालिक ने लगाया अपहरण व टॉर्चर का आरोप
सेक्टर-37 स्थित कोठी नंबर 340 पर जबरन कब्जा करने, कोठी मालिक का अपहरण कर गुजरात से भुज स्थित आश्रम में लावारिस और मानसिक बीमार बताकर रखने के मामले में पुलिस ने पत्रकार संजीव महाजन और प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता को सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। मामले में पुलिस ने दोनों आरोपितों के मंगलवार दोपहर कोर्ट में पेश कर 10 दिन के रिमांड की मांग की। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दोनों आरोपितों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

गिरफ्तार आरोपित संजीव महाजन, मनीष गुप्ता के अलावा यूटी पुलिस के एक डीएसपी का भाई सतपाल डागर, शराब ठेकेदार अरविंद सिंगला, खलेंद्र सिंह कादियान, अशोक अरोड़ा, सौरभ गुप्ता, शेखर, दलजीत सिंह रुब्बल सहित स्वर्गीय बाउंसर सुरजीत सिंह को आरोपित बनाया है। पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 452, 331, 344, 365, 386, 419, 420, 465, 467,468, 471, 473, 474,477 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं, जांच अधिकारी डीएसपी दविंदर शर्मा ने मामले में व्यास चावला, प्रेम कृष्ण दास, अनीश भाई समेत अन्य लोगों की भूमिका जांच करने का दावा किया है।
टॉर्चर कर पावर अटार्नी करवाई अपने नाम

एसएसपी कुलदीप सिंह चहल ने बताया कि चंडीगढ़ सेक्टर 37ए में स्थित मकान नंबर 340 राहुल मेहता (40) की मां के नाम पर है। राहुल मेहता के पिता वेद प्रकाश मेहता, उसकी माता और भाई मोहित मेहता की मौत हो चुकी है। जिसके बाद से राहुल मेहता मकान का इकलौता वारिस और मालिक है। शिकायत के अनुसार राहुल मेहता को गैंगरिन की बीमारी है। वह अक्सर सेक्टर-37 स्थित एक मेडिकल शाप पर दवाई लेने जाता था। इसी का फायदा उठाकर संजीव महाजन, बाउंसर सुरजीत, सुखबीर उर्फ बिट्टू, मनीष गुप्ता, खली और अन्य ने साजिश रचते हुए उक्त मकान पर कब्जा कर लिया। आरोप है कि उन्होंने मकान मालिक राहुल मेहता का अपहरण कर उसे टॉर्चर किया। इसके बाद मकान की पावर अटार्नी अरविंद सिंगला और खलिंदर सिंह कादयान के नाम पर करवा दी।
भुज के फार्म हाउस में एक माह से अधिक समय तक रखा

जांच में सामने आया कि जून-जुलाई 2017 में आरोपित सुरजीत बाउंसर संजीव महाजन सुखबीर और बिट्टू खली और अन्य द्वारा राहुल मेहता को गुजरात के भुज स्थित एक फार्म हाउस में एक माह से अधिक समय तक रखा गया। राजस्थान के भरतपुर स्थित अपना घर आश्रम में रह रहे पीड़ित राहुल मेहता ने बताया कि साल 2017 के अप्रैल-मई माह में संजीव महाजन सुरजीत बाउंसर सुखबीर उर्फ बिट्टू खली और अन्य जबरदस्ती उसके सेक्टर 37 स्थित मकान नंबर 340 में घुसकर मकान के ऊपरी मंजिल पर कब्जा करके बैठ गए। आरोपितों ने उससे बंधक बना कमरे में बंद रखते हुए उसके साथ मारपीट कर डराया धमकाया। आरोपितों ने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए एक खाली कागज और ब्लैंक चैक पर जबरदस्ती उसके हस्ताक्षर करा लिया।
अलग-अलग राज्यों के आश्रमों में करते रहे शिफ्ट

पुलिस के अनुसार आरोपित सुरजीत ने मकान मालिक को जबरदस्ती गुजरात के भुज स्थित एक स्टड फॉर्म में ले जाकर अब्दुल करीम नाम के व्यक्ति के पास छोड़ कर चला गया। इसके कुछ महीने बाद अब्दुल करीम ने उसे भुज के ही रामदेव सेवा आश्रम में भर्ती करा दिया। इसके बाद आश्रम से उसे महाराष्ट्र के कजरात जिले स्थित श्रद्धा फाउंडेशन ट्रांसफर कर दिया गया। जहां से उसे आगे दिल्ली स्थित अपना घर आश्रम भेज दिया गया। यहां कुछ समय रहने के बाद उसे राजस्थान स्थित अपना ट्रांसफर कर दिया गया।
फर्जी दस्तावेज बनवाकर आरोपितों ने कोठी बेच दी

मकान मालिक राहुल मेहता ने पुलिस को बताया कि उसमें अभी तक अपना मकान किसी को नहीं बेचा है। यह पता चला कि संजीव महाजन, सौरव गुप्ता, खलिंदर सिंह, कादियान सिंगला, अशोक अरोड़ा, सतपाल डागर, सुरजीत सिंह, शेखर, मनीष गुप्ता और अन्य ने जाली दस्तावेजों के जरिए उसके जीपीए को कैंसिल करवाकर एक मार्च 2019 को उसके सेक्टर- 37ए स्थित मकान नंबर 340 की सेल्स डीड तैयार करा सौरभ गुप्ता के नाम पर करा दी। आरोपितो ने चंडीगढ़ स्टेट ऑफिस के सब रजिस्ट्रार के सामने उसकी फर्जी राहुल मेहता नाम का व्यक्ति खड़ा करा यह प्रॉपर्टी सौरव गुप्ता के नाम पर करा दी गई। जबकि जिस 1 मार्च 2019 को यह हुआ, उस वक्त मकान का असली मालिक राहुल मेहता अपना घर में भर्ती था जोकि काफी समय से चंडीगढ़ तक नहीं आया था। ऐसे में जीपीएस कैंसिल होने और सेल डीड के एग्जीक्यूट होने का सवाल नहीं उठता। एसएसपी ने मामले में एएसपी साउथ श्रुति अरोड़ा के नेतृत्व में सेक्टर-31 थाना प्रभारी नरेंद पटियाल और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश की एसआईटी बनाई है।
दो करोड़ 90 लाख में हुआ था सौदा

पुलिस ने बताया कि मामले में उक्त आरोपियों ने कोठी का मालिक और अन्य कागजात जाली तैयार कर कोठी दो करोड़ 90 लाख रुपये में सौरभ गुप्ता बेच दी। कोठी खरीदने वाले ने 67 लाख , 32 लाख का चेक और एक करोड़ 75 लाख का डिमांड ड्राफ्ट बनाया था। उक्त आरोपियों ने करोड़ो रूपये आपस मे बाट लिए थे।
मामले की दर्ज एफआईआर के मुताबिक कोठी मालिक राहुल मेहता कोठी की पहली मंजिल पर कब्जा करने वाले लोगो की शिकायत देने 2017 में सेकटर 39 थाना पुलिस स्टेशन में गया था। उसने अपना मेन्टल सर्टिफिकेट भी दिखाया लेकिन थाना प्रभारी ने शिकायत को अटैच कर मेडिकल सर्टीफिकेट जेब में रख लिया लेकिन कोई करवाई नही की थी। साभार सी24 न्यूज़।।

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