चंडीगढ़ /पीलीभीत:-20 जनवरी:- आरके शर्मा विक्रमा/ करण शर्मा /एनके धीमान:– सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने जहां दिल्ली पुलिस यानी खाकी वर्दी का रुतबा और सम्मान बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है यह कहकर कि किसानों का सरकार द्वारा कृषि बिल के विरोध में दिल्ली में एंट्री का निर्णय दिल्ली पुलिस करेगी । यह वाक्य है पुलिस के लिए चाहे वह दिल्ली की है और चाहे केरल की।। सारे भारत के पुलिस का मान मनोबल बढ़ा है ।लेकिन दूसरी ओर अपनी ही जमात को खाकी वर्दी के कुछ राह भटके ऑफिशियल ने बुरी तरह से दागदार किया है। वर्दी को दागदार करने की घटना उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से है।
जिला पीलीभीत के सेहरामऊ उत्तरी थाने की गडवाखेड़ा चौकी में तैनात कांस्टेबल वितिन मिश्रा और पवन मिश्रा लंबे समय से काल गर्ल्स के साथ मिलकर देह व्यापार का धंधा करवाते थे। और युवाओं को फंसा कर आपत्तिजनक स्थिति में मौके पर दबिश देकर पकड़कर भारी रकमें ऐंठते थे। यही नहीं, सेहरामऊ नॉर्दन पुलिस थाने के अंतर्गत पुलिस चौकी गडवाखेड़ा के दोनों सिपाही विपिन मिश्रा और पवन मिश्रा उक्त पूरे रैकेट में शारीक कॉल गर्ल्स के साथ भी अवैध संबंध बनाते थे। वर्दी को बदनाम करने वाले इन दोनों सिपाहियों का भंडाफोड़ उस वक्त हुआ। जब एक सिपाही ने फोन पर एक कॉल गर्ल की पूरी बात टेप कर आला अधिकारियों तक पंचायत पहुंचाई। तो आला अधिकारियों के भी हाथ-पांव फूल गए। पुलिस अधीक्षक जयप्रकाश ने दोनों आरक्षियों यानी सिपाहियों को पुलिस लाइन बुलाकर निलंबित कर दिया है। और विभागीय जांच के लिए भी लिखा है। सिपाहियों के इस हरकत से पूरा पुलिस महकमा अपने आप को शर्मसार महसूस कर रहा है। अपमानित पुलिस अधिकारी भी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। अब शीर्ष पुलिस अधिकारी इस पूरे प्रकरण में बड़ी मुस्तैदी से गहराई से जांच करने में जुटे हैं। और पता लगाने की कोशिश में हैं कि यह दैहिक व्यापार का गोरख धंधा कब से चल रहा है। और कितने युवाओं को इस में बलि का बकरा बनाया गया है। कितने लाखों रुपए इसमें ऐंठे गए हैं। यह सारी जांच बहुत बारीकी से प्रगति की ओर है।
देश में जहां सुप्रीम कोर्ट पुलिस की वर्दी का प्रभुत्व और मर्यादा अनुशासन रौब बनाए रखने में अग्रणी घोषणाएं कर रही है। वहीं खाकी वर्दी पहने कुछ एक अय्याश लोग भ्रष्टाचारी और रिश्वतखोरी के मारे पुलिस की गरिमामई छवि को धूल सरित कर रहे हैं।