तरक्की के लिए प्रचलित छुट्टियों के कोटे में कटौती है अनिवार्य

Loading

चंडीगढ़ :16 जनवरी :आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा/ एनके धीमान:– देश में व्याप्त कुरीतियों व भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और कानून के साथ आंख मिचौली, प्रशासकीय तंत्र में सिफारिश बाजी ने देश के विकास को रोकने व बाधित करने में अहम भूमिका निभाई है ।जो आज भी अबाध रूप से जारी है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी ने देश की पंगु हो चुकी तमाम व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने की ओर एक अनुकरणीय उदाहरण अपने प्रांत से शुरू किया है ।उन्होंने राजनीतिक लाभ लेने के लिए पूर्व सरकारों द्वारा अनेकों सामाजिक और राजनीतिक महानुभावों के नाम पर प्रचलित छुट्टियों पर पूरी ईमानदारी से रोक लगाकर एक सराहनीय और अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने जो छुटि्टयां खत्म की हैं, उन्हें निर्बन्धित (रिस्ट्रिक्टिड) अवकाश में शामिल कर दिया गया है। अब तक यह सार्वजनिक अवकाश की सूची में शामिल थे। फिलहाल राज्य कर्मचारी सालभर में दो ही निर्बन्धित अवकाश ले सकते हैं। इन छुटि्टयों की  छुट्टी करने की घोषणा पर सरकारी मुहर लग चुकी है । उक्त निर्बंधित छुट्टियों में अब मौजूदा दौर में  24 जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जन्मदिवस, 5 अप्रैल : महर्षि कश्यप एवं महाराज गुहा जयंती, 29 मार्च : चेटी चंड जयंती, 14 अप्रैल : हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का उर्स, 17 अप्रैल : चंद्रशेखर जयंती, 28 अप्रैल : परशुराम जयंती, 9 मई : महाराणा प्रताप जयंती, 23 जून : अलविदा नमाज, 17 सितंबर : विश्वकर्मा पूजा, 21 सितंबर : महाराजा अग्रसेन जयंती, 5 अक्टूबर : महर्षि वाल्मीकी जयंती, 26 अक्टूबर : छठ पूजा, 31 अक्टूबर : सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती, 2 दिसंबर : ईद-ए-मिलादुन्नबी, 23 दिसंबर : चौधरी चरण सिंह जयंती शामिल हैं।

परोपकारी परिवार मंच ने प्रशासन से अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से निजी तौर पर आग्रह किया है कि प्रशासन पूरी तरह से उत्तर प्रदेश सरकारी तंत्र का अनुसरण करें।और छुट्टियों में भारी कटौती करके प्रशासन और देश को विकास और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएं। लकीर के फकीर का चोला छोड़कर साकारात्मक, ऊर्जा मय वातावरण की और कदम बढ़ाया जाए। इस मौके पर परोपकारी परिवार मंच के पीआर परफेक्ट मीडिया पीआर ने भी सभी समाचार पत्रों से आग्रह किया है कि वह इस तरह के प्रस्तावों पर लेखनी चलाएं। और प्रशासन को जागृत करें। ताकि जनता का बड़े स्तर पर कल्याण हो, उसमें जागृति आए।। यहां यह भी स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा नीत सरकार है और चंडीगढ़ प्रशासन पर भाजपा के ही  नियुक्त किए गए प्रशासक और सांसद कार्यरत हैं जनहित में ऐसे अध्यादेश व अधिसूचना आदि जारी करने में किसी प्रकार का विघ्न और व्यवधान होने का तो सवाल ही पैदा नहीं होगा। बशर्ते कि इनको लागू करने की इच्छाशक्ति इमानदारी से निभाई जाए।

यह भी खबरें आम सोशल मीडिया पर पड़ी जा रही हैं कि जल्दी ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रशासकीय आंसुओं में साडे 7 घंटे की बजाय अब कार्य अवधि को बढ़ाते हुए 12 घंटे करेंगे और अगर उपरोक्त आग्रह पर विचार करके उसे लागू किया जाए। तो 12 घंटे प्रतिदिन काम करने की जरूरत नहीं रहेगी। अनेकों रिटायर्ड प्रबुद्ध लोगों ने अल्फा न्यूज़ इंडिया की इस पेशकश की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए इसे शीघ्र लागू करने पर भी बल दिया है।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

159209

+

Visitors