अगली सुनवाई छत्रपति और रंजीत मर्डर केस की 24 व 25 को
C.B.I. के [ I.O.] जांच अधिकारी के होंगे दर्ज अब बयान
चंडीगढ़ /पंचकूला ; 21 सितम्बर ; अल्फ़ा न्यूज इंडिया ; सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के सर्वेसर्वा गुरमीत राम रहीम की निकट भविष्य में भी मुशिकलातें कम तो बाद में देखा जायेगा खत्म होने तक का नाम नहीं लेंगी ! पिता जी बनाम रामरहीम पर चल रहे प्रेस पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और रंजीत मर्डर केस में जिला पंचकूला स्थित हरियाणा की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई हुई।
इस दौरान साध्वी यौन शोषण मामले में जिला रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्पेशल कोर्ट सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। वहीं दूसरी और उक्त केस के ही अन्य आरोपी प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए।
अब सोमवार और मंगलवार [24व् 25 सितमबर ] अगली सुनवाई में सीबीआई के जांच अधिकारी एम् नारायणन जोकि अब सेवानिवृत भी हो चुके हैं की गवाही होगी। बताते चलें सिरसा डेरे के महाराज को सलाखों के पीछे पहुँचाने वाले दो ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ सीबीआई अफसरों में से एक एम् नारायणन रहे ! गौरतलब है कि बचाव पक्ष ने सीबीआई के जांच अधिकारी एमके नारायण की सीबीआई कोर्ट में गवाही करवाने के बारे में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। अब सीबीआई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एम के नारायण की गवाही करवाने को लेकर ऑर्डर की कॉपी मिल चुकी है, जिसके बाद कोर्ट ने अब रंजीत मर्डर मामले में 25 सितंबर और रामचंद्र मामले में 24 सितंबर की तारीख सुनवाई के लिए मुकर्रर की है ! अब दोनों तारीखों पर एम के नारायनण, इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर के बयान दर्ज होंगे।
सेवा निवृत हुए उक्त जाँच अधिकारी मुलिंजा नारायणन जो उस वक़्त संयुक्त निदेशक केंद्रीय अन्वेषण केंद्र [सीबीआई] ने ही डेरे के बड़े केस की तमाम फ़ाइल तैयार की थी ! मिस्टर एम् नारायणन ने ख़ुशी भी जाहिर की है कि सब की मेहनत अब रंग लाएगी क्योंकि केस अपनी समाप्ति के सम्मत छोटे छोटे कदम मज्ब्बोतु से बढ़ा रहा है ! 2002 में डेरा की ही आमुक साध्वी से डेरा प्रमुख द्वारा बलात्कार किये जाने का बहुचर्चित केस के कर्णधार मुलिंज नारायणन ही थे जिनको कहा जाता है कि उस दौर की सत्ता सीन सरकार ने भी केस बंद करने के लिए खूब दबवाब बनाये थे यहाँ तक कि खूब जाँच अधिकारी के मुताबिक उनके अपने ही डिपार्टमेंट के सीनियर अफ्सर्स ने उनको फ़ाइल बंद करने का खूब प्रभाव बढ़ाया था !