दहशत का साया बढ़ाते ट्राई जंक्शन पर नक्सली प्रशिक्षण शिविर

Loading

*दहशत का साया बढ़ाते ट्राई जंक्शन पर नक्सली प्रशिक्षण शिविर 

** ट्राई जंक्शन पर बढ़ती गतिविधियां छीन ले गई देश की गुप्तचर एजेंसियों की नींद  

***सरकार का अलर्ट पब्लिक में भरोसे का दीया टिमटिमाया 

चंडीगढ़ /मुंबई ; 16 नवम्बर ; आरके शर्मा विक्रमा/ अरुणकोशिक ;—- देश में हर कोई अपने जानमाल को लेकर भयभीत है ! देश में चारों ओर  गैंगस्टर्स गुण्डातत्व अराजकता भय और आतंकी वातावरण बनाते हुए सरकार और समाज सहित राष्ट्र विरोधी कार्यों में मशगूल  हैं !
कानून और व्यवस्थाएं बौनी होती जारही हैं हर सरकारी तंत्र फेल हुआ जा रहा है ! रक्षक ही भक्षक बने हुए हैं ! हर कोई अपनी होंद को लेकर व्याकुल है ! अब तजा गुप्त खबरों के मुताबिक मध्य्प्रदेश सहित महाराष्ट्र आई में नक्सली प्रशिक्षण शिविर बढ़ने की खबर से यहाँ वहां दहशत ने घर किया है ! हालाँकि पुलिस खूब मुस्तैद है ! पर खुद पुलिस की जान सांसत मरहती है कब उनपर कहाँ किसपल हमला हो जाये कौनसा साथी शहीद हो जाये कुछ नहीं कहा जा सकता ! गुप्त चरों की खबरों के मुताबिक महाराष्ट्र व् छत्तीसगढ़ सहित मध्य्प्रदेश में नक्सलियों को प्रशिक्षण देने केलिए शिविरों में ईजाफा जारी  है ! 

                        केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सल समस्या को लेकर केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी है जिसमें उन्होंने कहा है कि नक्सल ट्राई जंक्शन यानी मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के बॉर्डर के खतरनाक जंगलों में नक्सली ट्रेनिंग कैंप चलाकर नक्सलियों को गुरिल्ला वॉर की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इस रिपोर्ट के आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को इस इलाके में ज्यादा चौकसी बरतने और इस तरीके की ट्रेनिंग करने वाले इलाकों पर नजर रखने की हिदायत दी गई है.
आजतक को खुफिया सूत्रों से जो जानकारी मिली है कि बालाघाट और राजनादगांव के इलाकों में ऐसे अनेकों ट्रेनिंग कैंप चलाने की जानकारी मिली है जिस में नक्सली भोले भाले लोगों को बरगला कर उनको नक्सल ट्रेनिंग और हथियारों की ट्रेनिंग देने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
बालाघाट और राजनांदगांव के बॉर्डर के 100 गांवों से ‘जन मिलि‍शिया’ बनाने की कोशिश
रिपोर्ट से इस बात की भी जानकारी मिल रही है कि नक्सली बालाघाट और राजनांदगांव के बॉर्डर के आस-पास मौजूद 100 गांव से जन मिलिशिया बनाने की फिराक में हैं. दरअसल,  जन मिलिशिया का इस्तेमाल नक्सली सुरक्षा बलों के खिलाफ इंटेलिजेंस यानी खुफिया जानकारी एकत्र करने और नक्सलियों के लिए बेसिक सपोर्ट मुहैया कराने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
लगातार सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के चलते बॉर्डर के कई इलाकों में जन मिलि‍शिया या तो अपना काम छोड़ चुके थे या फिर अंडर ग्राउंड हो गए थे पर एक बार फिर नक्सली अपनी पैठ और अपने आप को मजबूत करने के लिए इस तरीके के जन मिलिशिया को खड़ा कर रहे हैं.! शुक्रिया समेत ; ऐ. पी. [हरियाणा] 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

158858

+

Visitors