ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी !!!!
तुम धरा के भी चाँद हो,
न अधूरे न दागदार !
देशभक्त, सशक्त और रक्षक
उज्ज्वल भाल के पुरे चाँद हो !!
तुम पर नाज,करे देश और समाज
कल भी था, रहेगा और है आज !
ये तुम ही थे और तुम्हारे रणबांकुरे
सब मिलकर तुम नहीं थे एक सौ !!
रिपु दानवदल सा,अनियंत्रित पुरे हजार दो !!
टैंक 40 धुआंधार, उठाते दहशत का गुब्बार !
अनभिज्ञ थे कि शेर खड़े हैं इस पार !!
वो फ़तेह करने निकले जैसलमेर !
खदेड़े, गधेड़े लगाई न ज्यादा देर !!
पाकियों ने रात को थी की सेंधमारी !
भारत पुत्रों ने दे डाली शिकस्त करारी !!
12 टैंक किये तबाह अनेकों पाक रिपु स्वाह !
बड़ी पौ फटते ही गूंजे थे जय हिन्द के नारे !!
जो पीठ न दिखा सके वो हुए बर्बाद !
जो कायर भागे, वो भी रहे थे अभागे !!
भारतियों ने पाक जवान व् सामान
सब किया अपने कब्जे में !
दम था चंद सैनिकों के जज्बे में !!
ये चांदपुरी ने दिखाई थी हल्लाशेरी !
जवानों ने फूंकी थी बलिदानी रणभेरी !!
“आप सब” को नमन करता है अखंड इंडिया !
तुम कर गए गमन, दे गए देश को अमन !!
++अल्फ़ा न्यूज इंडिया+++आरके शर्मा “विक्रमा”*