सोलह आने मर्द जनाने अहमियत अपनी अपनी
चंडीगढ़ 24 अक्टूबर आरके विक्रमा शर्मा/अनिल शारदा प्रस्तुति—- शब्द ही हमें समाज में घर परिवार में यहां तक कि अपने दिलोदिमाग में भी आत्मबल और आत्मसम्मान दिलाते हैं। विनम्रता और क्षमादान सबसे बड़ी पूंजी है। सहनशीलता ही असली शक्ति है। परोपकार जीवन का सार है बाकी सब बेकार है। *पैर की मोच* *और* *छोटी सोच…