जो अपनों की नहीं रही याद रखें वो बेगाने की भी नहीं रहेगी : लव जिहाद से सबक
चंडीगढ़ :- 19 नवंबर:- आरके विक्रमा शर्मा/ करण शर्मा/अनिल शारदा+ राजेश पठानिया प्रस्तुति:— बहकों मतना बेटियों* *कुल को समझों ख़ास* *पैंतीस टुकड़ों में कटा* *श्रद्धा का विश्वास* *भरोसा मतना कीजिए* *सब पर आंखें मींच* *स्वर्ण मृग के भेष में* *आ सकता मारीच* *मां बाप के हृदय से* *गर निकलेगी आह* *कभी सफल होगा…