चंडीगढ़:- 21 अप्रैल:- आरके विक्रमा शर्मा/ एनके धीमान:- मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना और इंसानियत वही है जो हर लीक से, हर हदबंदी से ऊपर उठकर अपना धर्म अपना फर्ज अपना कर्म निभाए।। चंडीगढ़ में 3 मई तक कर्फ्यू जारी रहेगा ऐसे में समाज का एक ऐसा वर्ग जो रोज कमाता रोज खाता था, आज दाने-दाने को मोहताज हो सकता था, अगर चंडीगढ़ प्रशासन, पुलिस और समाजसेवी संस्थाएं आगे ना बढ़तीं। गांव अटावा के जसवीर सिंह बंटी अपने पिता भाग सिंह के मार्गदर्शन में आज तक अबाध रूप से कभी भूखों को भरपेट भोजन पकाकर अपने दोस्तों मित्रों सहित गली-गली जाकर वितरित करते देखे जाते हैं। या कभी गाड़ियों में सूखा राशन भरकर इन लोगों के दरवाजों पर जाकर देकर आते हैं। जसवीर बंटी का कहना है कि हम भारत देश में रहते हैं। और इस देश की यही संस्कृति है कि अपना पेट भरने से पहले किसी भूखे का पेट भरना चाहिए। परोपकार, मदद यह हिंदुस्तानियों के खून में है। इसीलिए जब कोरोना वायरस जैसी वैश्विक बीमारी से चंडीगढ़ भी आहत हुआ। और लोक डाउन के तुरंत बाद 14 अप्रैल तक कर्फ्यू लगा। तो ऐसे में इस रोज कमाने रोज खाने वाले समाज का तो जैसे सब कुछ छीन गया। लेकिन प्रशासन कब तक इनका अकेले पेट भरता।। ऐसे में पुलिस और समाजसेवी संस्थाओं व धार्मिक संस्थाओं ने इन सबके मुंह में रोटी देने का बेहद काबिले तारीफ कदम उठाया जो अबाध रूप से कामयाबी से आज भी जारी है।।