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दिल्ली 02.09.2025 अल्फा न्यूज इंडिया प्रस्तुति—-स्थानीय हाई कोर्ट ने 2020 के दंगों से जुड़ी बड़ी साजिश केस में शरजील इमाम, उमर खालिद, खालिद सैफी, तस्लीम अहमद समेत 9 आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं. यह फैसला जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शैलेंद्र कौर की बेंच ने सुनाया है. पुलिस ने दलील दी थी कि यह दंगे अचानक नहीं भड़के, बल्कि एक सोची-समझी साजिश का नतीजा थे. अदालत ने 10 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा था. दिल्ली HC ने 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश से जुड़े मामले में यूएपीए के तहत जेल में बंद शरजील इमाम, उमर खालिद, खालिद सैफी समेत 10 आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं. कोर्ट ने माना कि इन आरोपियों पर लगे आरोप गंभीर हैं. इस मामले में आरोप है कि CAA और NRC के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों की आड़ में आरोपियों ने दंगे भड़काने की रणनीति बनाई थी. फरवरी 2020 में हुए इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से अधिक घायल हुए थे. दिल्ली पुलिस के अनुसार साजिश के तहत व्हाट्सएप ग्रुप्स, भाषणों और बैठकों के जरिए माहौल को उकसाया गया, ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान देश की छवि अंतरराष्ट्रीय मंच पर खराब की जा सके…सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि यह मामला राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा है. जब तक आरोपी दोषी साबित नहीं होते या बरी नहीं होते, उन्हें हिरासत में रखा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय से जेल में रहना जमानत का आधार नहीं हो सकता. खासकर जब मामला यूएपीए के तहत हो. पुलिस ने शरजील इमाम के कथित भड़काऊ भाषणों और उमर खालिद पर 23 जगहों पर प्रदर्शन आयोजित करने के आरोपों का हवाला दिया. अन्य आरोपियों में अथर खान, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा और शादाब अहमद शामिल हैं, जो कोर्ट से जमानत की मांग कर रहे थे. साभारll

