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चंडीगढ़ कसौली 16 मार्च 2025 आरके विक्रमा शर्मा हरीश शर्मा —- हिमाचल प्रदेश का शब्द पढ़ते या सुनते ही देवी-देवताओं का सहज स्मरण होता है। यह आदिकालीन सनातनी धरा है। तभी तो हिमाचल प्रदेश का कण कण भी देव तुल्य है। यहां की पूजा अर्चना सनातन प्रकाष्ठा अपने रीति रिवाज पहरावा मीठी पहाड़ी बोली सब अपनी ओर आकर्षित करते हैं। बात करें, युवा समाज की तो आज भी बुजुर्गों की खिदमत में बैठकर अतीत का ज्ञान हासिल करते देखे जाते हैं। हिमाचल में आजकी तारीख में धर्म की प्रधानता के कारण ही माता-पिता को देवी देवता तुल्य माना जाता है। सादगी मेहनत परोपकार एक दूसरे का साथ देना हिमाचल की विशेष पहचान है। तभी तो इस पहचान को बरकरार रखते हुए सोलन जिला की कसौली तहसील में मूंदडू माता का मंदिर निर्माण कार्य बड़े बुजुर्गों की देखरेख में युवाओं की बाजूओं के दम पर परवान चढ़ रहा है। इस मंदिर का आज छत का लेंटर डाला गया है। जो युवा पीढ़ी ने मिलजुल कर आपसी सहयोग से सिरे चढ़ाया। अल्फा न्यूज़ इंडिया के सीनियर जर्नलिस्ट आरके विक्रमा शर्मा को विस्तृत जानकारी देते हुए मंदिर निर्माण कार्य से जुडे नीरज ठाकुर ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य आपसी सहयोग समर्थन और सूझबूझ से आगे बढ़ रहा है। मूंदडू माता जी की अनुकंपा और आशीर्वाद से यह समूचा क्षेत्र फल फूल रहा है। माता की अपार शक्ति क्षेत्र वासियों के लिए वरदान है। यहां लोगों में आधुनिकता के दौर में भी अपने पौराणिक ऐतिहासिक धर्म देवी देवताओं में पूर्ण आस्था और श्रद्धा स्थापित है। मंदिर-निर्माण कार्य के लिए कोई भी स्वैच्छिक सहयोग समर्थन करने के लिए स्वतंत्र है।

