चंडीगढ़ /मनीमाजरा ; 7 अगस्त ; आरके शर्मा विक्रमा /एनके धीमान ;—– विदेशी परम्पराओं और प्रचलनों का रंग भारतवर्ष में बखूबी तीव्रता से चढ़ता देखा जा रहा है ! फैशन और नये नये चलन के लिए मशहूर सोहनीट्राई सिटी चंडीगढ़ भी इससे भला कैसे अछूता रहे ! आज फ्रेंडशिप डे की धूम युवा ही नहीं प्रौढ़ समाज के भी सर चढ़ के बोलती देखि गई ! सार्वजनिक स्थलों सहित मॉलों मार्किटों में युवा और फैमिलीज आदि खूब उत्साह से इक दूजे को फ्रेंडशिप विश करते और हग [आलिंगन ] करते देखे गये ! हर और भारी उत्साह और जोश देखते बन रहा था ! ये अलग बात है कि मनाने वालों को इस दिन की महता और अनिवार्यता से मतलब कोसों दूर रहा ! ये विदेशी दिवस लगभग सब को याद रहा और सोशल माइक्रोन ब्लॉगिंग नेटवर्किंग पर ये मैसेज का खूब आदान प्रदान किये गये ! इक अनुमान के अनुसार आज ही के दिन भारत में दर्जन करोड़ मैसेज इधर से उधर किये गये ! हालाँकि नागपंचमी पर भी मैसेज फॉरवर्ड किये गये पर उनकी तादाद ऊंट के मुंह में जीरा जैसी रही ! सेक्टर 34 मार्किट से सत्यनारायण और रणजीत सिंह चिल मार पार्टी से मिली जानकारी मुताबिक युवतियां और युवक रोज बड्स लेकर इक दूजे को विश करते देखे गये ! आल इंडिया रेडियो की जानी मानी उदघोषिका बहिन बानो पण्डित और आरजे मीनाक्षी व् आरजे जस्सी
के मुताबिक फ्रेंडशिप डे का आगाज तकरीबन 50 वर्ष पूर्व 1935 में अमेरिका में हुआ था ! विदेशों में ये फ्रैण्डशिपडे अगस्त मास के प्रथम रविवार को मनाये जाने की प्राचीन परम्परा है ! कहा जाता है कि फर्स्ट वर्ल्ड वार के बाद हर और विरक्ति और मायूसी क्रोध सहित दुश्मनी का माहौल बना हुआ था परस्पर दोस्ती के पैगाम देने और हर और सौहार्द बनाने के लिए इस दिन की उपयोगिता आज भी प्रासंगिकता रखती है !