सरकार बापू जी को जेल में ही मारना चाहती है ; अधिवक्ता सेवाराम

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चंडीगढ़ / नईदिल्ली ; आरके शर्मा /अलका कीमोथी ;—-हरि बोल फेम धर्मप्रज्ञ बापू आसाराम की जेल अवधि अभी जल्दी ही खत्म होगी ये बातें सपना सा लगने लगी हैं ! मतलब ये कि बापू जब से जेल में है तभी से सेशन कोर्ट फिर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने नौ मर्तबा उनकी जमानत अर्जी ख़ारिज कीं ! बापू अपने आश्रम की बालिका से यौन उत्पीडन के आरोप में जेल में जीवन का सबसे कड़वे और विषैले दौर से गुजर रहे हैं !
राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस निर्मलजीतकौर की कोर्ट ने थर्ड बेल एप्लिकेशन कैंसिल करते हुए स्पष्ट किया कि ट्रायल कम्प्लीट हो चूका और अभियोजन के तमाम गवाह पुरे हो गए हैं ! अब तो सवाल ही नहीं उठता है !
जमानत के लिए ये नौवां आवेदन भी ख़ारिज होने  से बापू का नूरानी चेहरा कुम्लाहया और बापूभक्तों में घोर
निराश हताश नाउम्मीद ने दायरे बढाये हैं ! बापू के केस की सुनवाई वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी,  सुब्रमण्यम स्वामी व् मुकुल रोहतगी जैसे नामावर अधिवक्ता बापू  को जमानत नहीं नसीब करवा सके । बापू अपने खोटे नसीब को कोसते हुए  हैं कि  नसीब हर मर्तबा  धोखा दे रहा है। बापू ने  कोर्ट से  बाहर रुआंसे लहजे में  बोला था कि  जमानत की आशा जब जब जगती  है तभी ही कुछ  ऐसा घटता  कि मेरी जमानत खारिज हो कर जाती है। बापू के लिए केस लड़ने वालों में  सुप्रीम कोर्ट  के वरिष्ठ अधिवक्ता राजूराम चन्द्र और उनके साथी  सेवा राम ने पैरवी की, दूसरी तरफ नाबालिगा  पीड़िता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आनन्द पुरोहित, पीसी सोलंकी तथा गवर्नमेंट  की ओर से शिव कुमार व्यास और सुप्रीमकोर्ट से अधिवक्ता सेवाराम ने जमकर पैरवी की।बापू की  नौवीं मर्तबा जमानत याचिका खारिज हो जाने  के बाद सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सेवाराम ने बड़े हैरत भरे अंदाज में स्पष्ट कहा कि ऐसा लगता है जैसे उच्च न्यायालय बापू  को जमानत ही नहीं  देना चाहता ! यही  नहीं अधिवक्ता सेवाराम ने वहीँ स्टेट गवर्नमैन्ट  पर आरोप जड़ा बोले कि सरकार बापू आसाराम को ही जेल में मारना ही चाहती है। नौवीं मर्तबा जमानत ख़ारिज क्या हुई दुनिया में आशावाद की ज्योति प्रज्वलित करने वाले बापू आसाराम खुद घोर निराशावाद और नकारात्मकता का कोपभाजक बन कर रह गया है ! 

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