नित्य प्रति कर्तव्य निभाते हुए भक्ति करेंशांत दिमाग से: माता सुदीक्षा जी

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चंडीगढ़, 30 जून (अल्फा न्यूज़ इंडिया प्रस्तुति) नित्य प्रति कर्तव्य निभाते हुए भक्ति करना चाहिए। यह उदगार संत निरंकारी सत्संग भवन सेक्टर 30 स्थित आयोजित चंडीगढ़ ज़ोन के जोन स्तरीय बाल समागम के अवसर पर केंद्रीय प्रचारक श्री संदीप चौधरी जी ने कहे। बाल समागम में चंडीगढ़ की सभी ब्रांचों के अतिरिक्त पंचकुला, मोहाली, मनिमाजरा,खरड़, पिंजौर, कालका, रायपुररानी, जीरकपुर, डेराबस्सी, टीडीआई-सिटी, सैदपुर,बनूड़, समगोली व भंखरपुर इत्यादि ब्रांचों के बच्चों ने प्रेरणादायक समूह गान, एक्शन सांग, स्किट, कवि दरबार, कठपुतली एक्शन सांग, सूफी गीत व विचारों द्वारा सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा सुकून, इंसानियत और रूहानियत जैसे पैगाम को प्रदर्शित किया।केंद्रीय प्रचारक संदीप चौधरी जी ने सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की सिखलाई का ज़िक्र करते हुए कहा कि आज हर अभिभावक यही चाहता है कि उसके बच्चे दुनिया की हर सुख सुविधा मिले परंतु प्रभु को जानकर प्रभु भक्ति करने वाले माता पिता यही चाहते हैं कि उनका बच्चा गुरु भक्ति में आगे आये। सतगुरु द्वारा मानव कल्याण के लिए जीवन जीने की जो प्रेरणा दी जा रही है, उसे जीवन का अंग बनाएं। उन्होंने आगे कहा कि जीवन मे नित्य प्रति जो हमारी जिम्मेदारियां या कर्तव्य है उन्हें तो निभाना ही है। अपना कौशल विकास भी करना है लेकिन काम के साथ साथ उस कार्य को करते सहयोगियों के संग अच्छे सम्बंध, सहनशीलता, धैर्य जैसे गुणों को भो संचित करना है। उन्होंने विराट कोहली का उदाहरण देते हुए समझाया कि किस तरह वो वर्तमान गेंद को ही अपना लक्ष्य मानते हैं बीती या आने वाली को नही। शांत चित्त से लिये निर्णय से जिस प्रकार मैच जीता जाता है ऐसे ही जीवन के हर पड़ाव को पार किया जा सकता है।शांत दिमाग से ईश्वर का सहारा लेकर निर्णय लेना भक्ति है।उन्होंने सतगुरु पर दृढ़ विश्वास रखने को भी एक उदाहरण से समझाते हुए बताया कि अमेरिका में रेडियो पर बेघर लोगों के लिए एक कार्यक्रम चलाया जाता था। रेडियो मदद करने वालों तथा बेघर लोगों मध्यस्थ का काम करता था। एक महिला से उसकी जरूरत पूछी गयी, उसने कहा कि जो कुछ है वो उससे संतुष्ट हैं। परंतु बार बार आग्रह पर वे रेडियो के माध्यम से कहती है कि प्रभु की इच्छा है जो दे रहा है, उससे संतुष्ट हैं। तभी एक शख्स जिसे परमात्मा में विश्वास नही था। वो अपने नौकर के हाथ समान भेजता है और उसे कहता है कि कहना कि शैतान ने भेजा है। सामान देने के बाद नौकर उस औरत से पूछने हो लगता है तो वो कहती है- जब परमात्मा फरमान करते है तो शैतान भी काम पर लग जाता है। भाव विश्वास ऐसा होना चाहिए।इस अवसर पर चंडीगढ़ ज़ोन के जोनल इंचार्ज श्री ओ. पी. निरंकारी जी ने केंद्रीय प्रचारक श्री संदीप चौधरी जी का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के संदेश को जिस तरह से बच्चों ने दिखाया, उसे हम अपने वचन कर्म में अपना पाएं। उन्होंने बच्चों को अध्यापकों एवं माता-पिता का सत्कार करने की शिक्षा दी। यदि हम अपनी पड़ाई के विषयों में रुचि लेतें हैं तो कोई भी विषय कठिन नहीं लगता।

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