चंडीगढ़ 4 जून आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा बीरबल शर्मा — पूरे देश भर में लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। इसी प्रकार चंडीगढ़ में इकलौती संसदीय सीट पर दुनिया के सबसे लोकतंत्र देश भारत की लोकसभा के लिए चुनाव में कांग्रेस आई और आम आदमी पार्टी के गठबंधन नेता मनीष तिवारी विजेता घोषित किए गए हैं।और भाजपा के प्रत्याशी संजय टंडन को उपविजेता घोषित किया गया है। आज जब मतगणना शुरू हुई तो मनीष तिवारी ने शुरू से आखिर तक बढ़त बनाए रखी । दोनों नेता पहली बार चंडीगढ़ से चुनाव क्षेत्र में उतरे थे। मनीष तिवारी को जहां गठबंधन ने जीत का सेहरा मुबारक किया। वहीं संजय टंडन को पार्टी के भीतर घात ने हार का मुंह दिखाया। हार-जीत इस पूरे प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी के लिए नगर निगम के चुनाव में मेयर के चुनाव में निम्न स्तर की हरकतें हार का पहला कारण बनी। दूसरा, पूर्व सांसद किरण खेर द्वारा मनीष तिवारी कांग्रेसी प्रत्याशी को बाहर का प्रत्याशी न मानते हुए चंडीगढ़ का बेटा बताना भी एक मूल कारण में गिना जाएंगा। कॉलोनीवासियों में भाजपा का जन आधार गौण बताया जाता है। भाजपा कार्यकर्ता और नेता लोग शुरू से आखिर तक ओवर कॉन्फिडेंट बने रहें। जबकि दूसरी ओर कांग्रेस से ज़्यादा मनीष तिवारी को जीताने में आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। और यह रिजल्ट सबके सामने जीत के रूप में ला दिया। चंडीगढ़ की जनता ने 2014 के चुनाव में गुल पनाग को खोने का नुकसान बखूबी भुक्ता है। इसलिए अब किरण खेर को रिप्लेस करना मुख्य कारण था।