चंडीगढ़-02 जून- बीरबल शर्मा अनिल शार — चंडीगढ़ में कनाडा हाई कमिश्नर ऑफिस 1997 से यानी पिछले 27 सालों से ब्यूटीफुल सिटी में कार्य कर रहा था। लेकिन कनाडा में पिछले कुछ सालों से भारत देश विरोधियों खासकर देश-के दुश्मनों व खालिस्तानियों को खुलेआम समर्थन के कारण संबंधों में मतभेद और कटुता आ गई थी। जब तक वहां के प्राइम मिनिस्टर जस्टिन ट्रुडो भारत की मौजूदा ताकत को समझ पाए। तब तक भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री को उन्हीं की हरकतों और जुबान में ही जवाब दे डाला। इस जवाब की कड़ी में चंडीगढ़ स्थित कनाडा हाई कमिश्नर ऑफिस भी बंद कर दिया गया। इसी सिलसिले में भारत से कनाडा के 41 अधिकारियों को देश छोड़ने के सख्त ऑर्डर किए गए थे। उक्त 41 अधिकारियों में चंडीगढ़ स्थित कनाडा हाइ कमशीन आफिस के अधिकारी भी शामिल थे। बीते साल इस इस दफ्तर को अस्थाई तौर पर तत्काल प्रभाव से ताला लगा दिया गया था। तब से लेकर अभी तक देखा जाए तो पंजाब की बड़ी पॉलीटिकल पार्टी एक स्वर में इसको खोलने की वकालत तक नहीं करने की जरूरत न समझते हुए जेहमत नहीं उठा रही हैं।