चंडीगढ़- 27 मई–अल्फा न्यूज़ इंडिया प्रस्तुति —बाबा रामदेव ने मधु मख्खी के छत्ते को पत्थर मारा है जो बहोत सोची समझी स्टाइल से भारत की प्रकृतिक चिकित्सा को आहिस्ता आहिस्ता खत्म कर रहे थे और उसमे काफी हद तक सफल भी थे
IMA यानि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एक NGO है, उसको इतनी तकलीफ क्यों हुई है?
अब बाबा जो नही पूछ पाए वो अब जनता पूछ रही है IMA को और सरकार को भी कि…
1.एलोपैथी की दवाई में MRP की जगह प्रोडक्शन कॉस्ट बता दे तो बड़ी बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनीया कितनी लूंट मचा रही है वो जनता को समज आएगा
2.एक ही दवाई की बीस कंपनी के अलग दाम क्यों है?
3.डॉक्टरों को यूरोप की टूर कंपनी वाले क्यों देते हैं ?
डॉक्टरो के घर के AC, TV, Fridge और बहोत सारी बाते pharma कंपनीयो की देन क्यों होती है..?
4.जेनरिक दवाइयों को सरकार को क्यों लाना पड़ा है?
5.कुछ मेडिकल स्टोर्स 20 से 30 % डिस्काउंट क्यों देते हैं? इतना डिस्काउंट है तो कमाई कितनी है?
6.हॉस्पिटल्स के कमरे का किराया 3 हजार से 60 हजार एक दिन का क्यों है? भारत की 5 स्टार 7 स्टार होटल से भी इन हॉस्पिटल्स का भाडा ज्यादा क्यों है?
7.मेडिक्लेम आने के बाद 1996 से मेडिकल ट्रीटमेंट इतनी महेंगी क्यों हुई?
8.बड़े दवाई के डिस्ट्रीब्यूटर दस बीस करोड़ की प्रॉपर्टी गाजर मूली के जैसे क्यों खरीदते हैं?
9.जब भी कोई नया हॉस्पिटल तैयार होता है तो वहा की pharmacy वाला करोडों में कैसे बिकती है
10.केंद्र सरकार भी दवाई की ऊपर भाव क्यों नही बांध सकती है?
11.लूंट का लाइसेंस किसने दिया इन फार्मा कंपनियों को?
12.सभी बातों को साइंस से प्रमाणित किया जाना अच्छी बात है लेकिन विज्ञान में आज जो सही है वो कल गलत हो जाता है ऐसा क्यों है?
13.दूसरी पारम्परिक दवाईओ को जो आज तक हमारी दादीमाँ और वैध देते आये थे उसको नजरअंदाज करने के लिए ब्रेन वॉश किस ने किया?
14.दूसरी सब चिकित्सा पद्धतियों को क्यों नजरअंदाज किया गया?
15.एलोपैथी की उम्र कितनी ? प्राचीन आयुर्वेद कितना पुराना?,
महर्षि चरक को किसने भुला दिया?
16.भारत मे मौसम अलग अलग है..उस हिसाब से हमारे खान पान है, सेंकडो मिठाई खाने के बाद हमारे बाप दादा 100 साल निकाल लेते थे।
17.डायबिटीज में सुगर की मात्रा हर चार-पाच साल में नीचे लाने का पाप किसका है? याने जो 4 साल पहले sugar patient नही था, वो अचानक से अब Diabetes का रोगी हो गया
18.हम गर्मी में खरबूजा कलिंगड लिम्बु पानी गुलकंद खाकर दस बीस साल पहले 40 डिग्री में काम करते थे ।
खैर हमारी लड़ाई बाबा रामदेव ने शुरू की है और बाबा से तकलीफ IMA को ये है की वो 18000 अठारह हजार करोड़ का टर्न ओवर कर रहे हैं और कमाई का बड़ा हिस्सा सामाजिक कार्यो को दे देते हैं इसलिए लोकप्रिय है,
लाखो छोटे किसानो को रोजी रोटी दी है एलोवेरा तुलसी इत्यादि वनस्पति और जड़ीबूटियों की खेती वाले के लिए रामदेव बाबा बहोत मायने रखते है। ✌🏼✌🏼
और हा कांग्रेस के समय मे बाबा के उपर किये जुल्म सब को याद है तो बाबा खुद कैसे भूलेंगे, वो समय पर बाबा की पतंजलि के सभी स्थानों पर फ़ूड एंड एल्डरट्रेसन के छापे वृंदा करात प्रकाश करात जो 100% वामपंथी CPI के सांसद थे उसने डाले थे वो क्यों भूलेंगे? 🤔🤔
बाबा रामदेव ने भारत की जनता की आवाज़ उठाई हैं और pharma कंपनियो की मोनोपॉली पे वार किया है … 💪🏻💪🏻
आप को क्या करना है वो आप को तय करना है। 🤔
जय आयुर्वेद जय भारत
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ये “IMA” भी कितनी नादान है जब 🔥
1. जब 1800 का कॉन्टेक्ट लेंस बाजार में 18000 में बिकने की खबर छपी तब भी IMA नहीं बोली
2. जब दवा कंपनियों ने मेडिकल स्टोर वालों को खांसी की 100 शीशी पर 200 शीशी का गिफ्ट आफर मिला तब भी IMA नहीं बोली
3. जब सर्जिकल आइटम 80-85% की छूट पर दुकानदार को दिए तब भी IMA नहीं बोली
4. जब दवा प्रिंट रेट का मात्र 25-30 % लेकर दुकानों पर बेची और दुकानदार ने प्रिंट रेट से 20% ऊपर कस्टमर से वसूले तब भी IMA नहीं बोली
5. जब प्रिंट रेट अचानक हर चार महीने में 25%बढ़ी तब भी IMA नहीं बोली.
6. जब MRI, XRay, HRCT की रेट अचानक दुगुनी,चौगुनी हो गयी तब भी IMA नहीं बोली
7. जब लेब की रिपोर्ट एक डॉक्टर से दूसरे डॉक्टर तक जाते ही खारिज हो जाती है तब भी IMA नहीं बोली
8. जब एम्बुलेंस ड्राइवर को,डॉक्टर या अन्य स्टाफ को एक मरीज लाते ही 25% कमीशन दिया जाता है तब भी IMA नहीं बोली
9. जब डॉक्टर के घर के गेट पर कमीशन राशि और गिफ्ट लिए कंपनियों के MR रोज परेड करते है तब भी IMA नहीं बोली
10. जब एक पर्टिकुलर डॉक्टर की लिखी दवा शहर के एक मात्र पर्टिकुलर मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध हो तब भी IMA नहीं बोली
*बस बाबा ने आपके करोड़ों ग्राहक को योग से निरोग कर दिया तो आपके हर्निया की शिकायत हो गयी*
आपकी इज्जत कम हो गयी
आपकी मानहानि हो गई…
IMA के नाम से इंडियन
(I) शब्द हटाओ बीमारी की असली वजह यही है।
देश की जनता तक सत्य पहुँचना जरूरी हैं।
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