चंडीगढ़:– 07 दिसंबर:- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:—लालूप्रसाद यादव की विरासत पाने के लिए बेटे आपस में संघर्ष कर रहे हैं लेकिन बेटी ने पिता को नई जिंदगी दी।
खुद MBBS डाक्टरी डिग्रीधारी रोहिणी जी के तीन छोटे बच्चे हैं, उनके पति समरेश सिंह सिंगापुर में ही एवरकोर पार्टनर्स नाम की कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।
ऐसी परिस्थिति में कोई अपनी किडनी अपने जर्जर हो चुके 75 साल के बूढ़े पिता को दे तो यह साहस बेटियां ही कर सकती हैं।
रोहिणी ने कहा कि “पापा के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूं, मैं तो अभी सिर्फ अपने शरीर का मांस ही दे रही हूं।” अपनी बेटी के साहस और ज़िद के आगे Lalu Prasad Yadav हार गए।
दरअसल बेटियों के रहते बेटे की चाहत में बच्चे पैदा करते लोगों के लिए भी यह एक सबक है कि बेटियां ही अधिक विश्वसनीय हैं, बेटे भी होते हैं मगर बेटी को पराई समझ लेना को मुर्खता से अधिक कुछ नहीं।
बधाई रोहिनी अचार्या अपने पिता को दूसरा जन्म देने के लिए, विश्व की सारी बेटियां आप पर गर्व कर रहीं होंगी।
रोहिणी आचार्य आप सभी नए पीढ़ी के युवा समाज लिए हमेशा प्रेणास्रोत रहेंगी । अल्फा न्यूज़ इंडिया रोशनी आचर्य व लालू प्रसाद यादव के स्वस्थ दीर्घायु जीवन की कामना करता है।।