शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी व्रत पर्व की मां भक्तों को कोटि कोटि बधाइयां:- पंडित कृष्ण मेहता

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*चंडीगढ़:– 3 अक्टूबर:–आर के विक्रमा शर्मा /हरीश शर्मा/करण शर्मा/अनिल शारदा प्रस्तुति:–आज अष्टमी कल नवमी तिथि पर कन्या पूजन है माता रानी आप सभी को खुशियां एवं सौभाग्य प्रदान करें।

*वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्, सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा महागौरी यशस्वनीम्।।*

*मां महागौरी सौभाग्य, धन संपदा, सौंदर्य की अधिष्ठात्री देवी महागौरी है, चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण किए हुए हैं। वहीं दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं। मां महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल स्वभाव वाली हैं।

🙏 सनातन धर्म के वेदों में भी कहा गया है की सबसे बड़ी आदि मां गायत्री मां है जिसने ब्रह्मा विष्णु महेश को जन्मा है यह शक्ति मां यदा कदा सर्वदा विद्यमान है और उत्पत्ति की  प्रवर्तक  है🙏

 *कन्या पूजन से सभी तरह के वास्तु दोष,विघ्न, भय और शत्रुओं का नाश होता है।*

 *नवरात्रि में कन्या पूजन में ध्यान रखे कि कन्याओ की उम्र दो वर्ष से कम और दस वर्ष से ज्यादा भी न हो ।*

 *शास्त्रों के अनुसार दो वर्ष की कन्या को कुमारी कहा गया है । कुमारी के पूजन से सभी तरह के दुखों और दरिद्रता का नाश होता है ।*

 *तीन वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति माना गया है । त्रिमूर्ति के पूजन से धन लाभ होता है ।*

 *चार वर्ष की कन्या को कल्याणी कहते है । कल्याणी के पूजन से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है ।*

  *पांच वर्ष की कन्या को रोहिणी कहा गया है । माँ के रोहणी स्वरूप की पूजा करने से जातक के घर परिवार से सभी रोग दूर होते है।*

 *छः वर्ष की कन्या को काली कहते है । माँ के इस स्वरूप की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि, यश और सभी क्षेत्रों में विजय की प्राप्ति होती है ।*

 *सात वर्ष की कन्या को चंडिका कहते है । माँ चण्डिका के इस स्वरूप की पूजा करने से धन, सुख और सभी तरह की ऐश्वर्यों की प्राप्ति होती है ।*

 *आठ वर्ष की कन्या को शाम्भवी कहते है । शाम्भवी की पूजा करने से युद्ध, न्यायलय में विजय और यश की प्राप्ति होती है ।*

 *नौ वर्ष की कन्या को दुर्गा का स्वरूप मानते है । माँ के इस स्वरूप की अर्चना करने से समस्त विघ्न बाधाएं दूर होती है, शत्रुओं का नाश होता है और कठिन से कठिन कार्यों में भी सफलता प्राप्त होती है ।*

 *दस वर्ष की कन्या को सुभद्रा स्वरूपा माना गया हैं। माँ के इस स्वरूप की आराधना करने से सभी मनवाँछित फलों की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते है ।*

 *इसीलिए नवरात्र के इन नौ दिनों तक प्रतिदिन इन देवी स्वरुप कन्याओं को अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य से भेंट देना अति शुभ माना जाता है। इन दिनों इन नन्ही देवियों को फूल, श्रंगार सामग्री, मीठे फल (जैसे केले, सेब,नारियल आदि), मिठाई, खीर , हलवा, कपड़े, रुमाल,रिबन, खिलौने, मेहंदी आदि उपहार में देकर मां दुर्गा की अवश्य ही कृपा प्राप्त की जा सकती है ।*

 *इन उपरोक्त रीतियों के अनुसार माता की पूजा अर्चना करने से देवी मां प्रसन्न होकर हमें सुख, सौभाग्य,यश, कीर्ति, धन और अतुल वैभव का वरदान देती है।*

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