केदारनाथ के पहाड़ों में आया बर्फ का बवंडर बाबा केदारनाथ ने चेताया और खुद ही बचाया

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चंडीगढ़/ ऋषिकेश:- 1 अक्टूबर:- आरके विक्रमा शर्मा /राजेश पठानिया/ अनिल शारदा प्रस्तुति:— कुदरत के साथ छेड़छाड़ करने का मतलब है मानव ही नहीं संपूर्ण भौतिक प्रजाति का विनाश को निमंत्रण देना है! आज मनुष्य कंक्रीट के साम्राज्य बनाने में लगा हुआ है! और अपनी इसी भूख के चलते वह जैविक संपदा और पर्यावरण प्रदूषण भूमि कटाव वनस्पति विनाश आदि से गुरेज नहीं कर रहा है! नतीजा कुदरत एक बार ही थोड़ी सी आंख झपकती है! और भारी तबाही मचा देती है! कुछ ऐसा ही मंजर आज भगवान भोलेनाथ बाबा केदारनाथ ने जिताने के लिए दिखाया है! शुक्र है कि किसी की जान पर नहीं बनी है।

उत्तराखंड में शनिवार सुबह ‘बर्फीला बवंडर’ देख लोगों में दहशत फैल गई| दरअसल, यहां केदारनाथ धाम के पास देखते ही देखते अचानक एक बर्फ का पहाड़ खिसक (हिमस्खलन) गया| जिसके बाद बर्फ के टूटे पहाड़ का बवंडर नीचे की तरफ आने लगा| इधर, आस-पास मौजूद जिन भी स्थानीय और यात्री लोगों ने इस खौफनाक मंजर (Kedarnath Avalanche) को देखा| उनकी रूह कांप गई| उनमें हड़कंप मच गया| हालांकि, स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में रही|।

किसी नुकसान की खबर नहीं………मिली जानकारी के मुताबिक, यह ‘बर्फीला बवंडर’ था तो खौफनाक लेकिन इसके चलते किसी नुकसान की खबर नहीं है| इस पूरी घटना में न ही कोई चपेट में आया है और न ही कोई भी हताहत हुआ है| इसके साथ ही केदारनाथ धाम भी पूरी तरह से सुरक्षित बताया जा रहा है| श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि आज सुबह हुए हिमस्खलन से केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।।।केदारनाथ जल प्रलय याद है।।

 

आपकोयाद है कि किस तरह से साल 2013 में 16-17 जून की रात को बादल फटने की वजह से केदारनाथ में जल प्रलय हुई थी| इस जल प्रलय में तमाम पहाड़ भी टूटे थे| जिन्होंने पानी के साथ बहकर भारी तबाही मचाई थी| केदारनाथ जल प्रलय में पानी और बड़े-बड़े पत्थरों की चपेट में आकर कई लोग मारे गए थे| यह जल प्रलय ऐसी थी कि मकान और वाहन कागज़ की तरह पानी में बहते नजर आ रहे थे।।|

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