चंडीगढ़ :-25 सितंबर:- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:—22 सितम्बर को रात के 2 बज रहे थे….. देश की कई locations पर अचानक ही पुलिस, NIA और ED की teams इकठ्ठा होनी शुरू हो गयी थी….. उन्हें पता था कहाँ action लेना है…. उन्हें इंतज़ार था अंतिम आदेश का.
वहीं दिल्ली मे एक Command Center मे इस समय माहौल बड़ा ही गंभीर था… गृह मंत्रालय, पुलिस, Intelligence एजेंसीज, NIA और ED के ढेरों वरिष्ठ अफसर बैठे थे और लगातार phone आदि पर निर्देश आदि दिए जा रहे थे…. पूरे देश मे 6 control room मे भी माहौल तनावपूर्ण था.
3:30 बजते हैं… और दिल्ली के Command Center से एक आदेश आता है.. Go Ahead… और इसी के साथ 93 locations पर एकाएक हलचल होती है.. और शुरू हो जाता है Operation Midnight.
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29 अगस्त को गृह मंत्रालय में काफी चहल पहल थी….गृह मंत्री अमित शाह ने एक urgent मीटिंग बुलाई थी… एक दिन पहले ही रात को वो गांधीनगर से लौटे थे… वहाँ उन्होंने NFSU (नेशनल Forensic science यूनिवर्सिटी) के पहले convocation मे भाग लिया था.
Meeting मे NIA, ED, IB और RAW के Chief मौजूद थे… इनके अलावा कुछ और महत्वपूर्ण अधिकारी भी उपस्थित थे.
अमित शाह अपने सचिव भल्ला जी को कुछ इशारो मे कहते हैं, और भल्ला जी उन्हें कुछ फाइल्स दे देते हैं…. उन पर सरसरी नजर डाल कर अमित शाह बोलते हैं कि यह सब ठीक लग रहा है… अब मुझे आगे की कार्यवाही का roadmap बना कर दीजिये…. और मुझे यह सब 20 दिन मे चाहिए… उसमे actionable items भी दीजियेगा.
इसके बाद meeting ख़त्म हो जाती है.. और अगली meeting schedule होती है 19 सितम्बर के लिए.
इस meeting के ठीक 5 दिन बाद कोची मे प्रधानमंत्री मोदी ‘INS विक्रांत’ को देश को समर्पित करते हैं…..और program के कुछ ही घंटों बाद NSA अजीत ढोभाल केरल के राजभवन मे एक meeting करते हैं… जिसमें केरल पुलिस के DGP, अन्य कई बड़े अफसर और कुछ महत्वपूर्ण IAS अफसर भी थे… उस meeting मे क्या हुआ होगा… यह कुछ हफ्तों बाद दिखाई देने वाला था.
19 सितम्बर को एक बार फिर गृह मंत्रालय मे हलचल थी…. सभी डिपार्टमेंट तो थे ही, साथ मे NSA भी call पर थे… भल्ला साहब कुछ जरूरी कागजात अमित शाह को दिखाते हैं… और उनका In-principle approval ले लिया जाता है.
Orders दे दिए जाते हैं, गृह मंत्रालय मे एक Command center बनाया जाता यही…वहीं 6 बड़े शहरों मे control room बनाये जाते हैं , हर department को अपनी अपनी teams बनाने को कह दिया जाता है….. इस operation मे 250 के लगभग NIA, ED, और IB के लोग भाग लेने वाले थे…. वहीं कई हजार CAPF और स्थानीय पुलिस के जवान भी थे… पुलिस के साथ तालमेल बैठाने के लिए 4 IG, एक ADG, और 16 SP का अलग से दल बनाया गया था….गृह मंत्रालय से सख्त आदेश थे, इस पूरे operation को गुप्त रखने के.
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22 सितम्बर 3:30 बजे… Go ahead मिलने के बाद धड़ाधड़ सभी ठिकानो पर teams घुसती हैं… PFI के नेता और अन्य मेंबर उस समय गहरी नींद मे सो रहे थे….आँखे खुलते ही सामने NIA, ED और CAPF के लोगों को देख उनके चेहरे पीले पड़ जाते हैं.
जहाँ Teams छापे मार रही थी.. वहीं पुलिस और CAPF बाहर तैनात थी… आस पास के इलाकों को sanitize किया जा चुका था…. Drones उड़ रहे थे और किसी भी तरह के unnatural movement की ख़बर सीधे command center को भेजनें का आदेश था… लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं… सुबह का समय कहिये या अच्छी planning…. किसी भी छापे के दौरान अप्रिय स्थिति नहीं बनी.
PFI के गुर्गो के पास से ढेरों Digital evidences, Gadgets, डायरी, और अन्य आपत्तिजनक documents मिले… सब जब्त किये गए.
4:30 तक यह कार्यवाही पूरी हो चुकी थी… PFI का सम्पूर्ण नेतृत्व अब गिरफ्तार हों चुका था…. अब उन्हें दिल्ली भेजने की तैयारी शुरू हो चुकी थी…. देशभर मे ढेरों हवाई जहाज, हेलीकाप्टर और convoy तैयार थी… इन आतंकियों को इनके ठिकाने पर ले जाने के लिए.
सबसे कमाल की बात थी कि इतने सारे राज्यों मे यह operation चला.. जिनमे से कई राज्यों की सरकारों के केंद्र से रिश्ते अच्छे नहीं… कई मे तो खुल कर PFI operate करता है… जनसमर्थन भी उनके साथ था… फिर भी यह operation secret रहा… इसका श्रेय तो बनता है.
वहीं राजनीतिक पार्टियां भी अवाक थी.. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इन कार्यवाही का विरोध कैसे करें… और क्या कह कर करें.
वहीं PFI के आतंकी हैरान थे… कि उन्हें इस तरह पकड़ कर ले जाया जा रहा है… और कहीं कोई विरोध नहीं हुआ… कोई मजहबी हल्ला नहीं मचा….लोगों ने पुलिस आदि पर पथराव नहीं किया… कोई मौलाना आदि सामने नहीं आया….. PFI के कैडर के हौसले बुलंद हुआ करते थे… उन्हें लगता था कि वो कुछ भी कर लें… लेकिन उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता था… लेकिन यह धारणा बुरी तरह से टूट गयी थी.
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अब कुछ सवाल और facts
– PFI को Ban क्यो नहीं किया??
Ban करना कोई permanent हल नहीं होता… क्यूंकि आप Ban करेंगे, वो किसी नये नाम से आ जाएंगे.
PFI ने भी समाज सेवा और राजनीति के नाम पर कई संस्थाएं बना रखी हैं… जो मुखौटे का काम करती हैं….. जैसे Social Democratic Party of India, Campus Front of India, National Women’s Front, All India Imam Council, All India Legal Council, HRDF, Social Democratic Trade Union, Rehab India Foundation.
आप PFI ban करेंगे, ये दूसरी संस्थाओं से काम चलाएंगे…. ऐसे मे इलाज क्या है??
इलाज है इनकी समूची लीडरशिप को अंदर करना, और ऐसा इंतजाम करना कि इन्हे मुस्लिम समाज और राजनीतिक पार्टियों का समर्थन ना मिले.
– क्या आप जानते हैं PFI की समूची लीडरशिप ‘अशराफ’ है… और आतंकी घटनाओं को करने वाले, उसमे मरने वाले, सड़क पर हल्ला करने वाले अधिकांश पसमंदा हैं???
आगे का आप स्वयं समझ लीजिये.
– अजीत डोभाल साहब को कुछ पॉपकॉर्न फर्जी जेम्स बांड कहते हैं…. लेकिन वो इंसान जानता है उसे क्या करना है, कब करना है और क्यों करना है.
30 जुलाई को अजित ढोभाल ने एक Interfaith Peace meeting मे भाग लिया था… उसके बाद पॉपकॉर्न और कट्टर छाप लोग उन पर बड़े भड़के थे… कुछ तो उन्हें मौलाना घोषित कर दिए थे.
लेकिन उस meeting मे एक resolution पास किया गया था… कितनो को पता है कि उसमे क्या लिखा था?? शायद किसी ने ना पढ़ा ना समझा….. Search कीजिए और पढ़िए…. आपको PFI के ऊपर की गयी कार्यवाही और उसके बाद की चुप्पी समझ आ जाएगी.
अंत मे यही कहूँगा, कि यह बड़ा ही सफल operation रहा है… कुछ लोगों को संशय है कि इन आतंकियों को छोड़ दिया जायेगा….. ऐसा नहीं होने वाला.
NIA ने 3-4 साल इस काम पर होमवर्क किया है… सबूत इकट्ठे किये हैं… वहीं ED के पास सारे financial transactions हैं…. NIA का conviction rate 93% है…. इन लोगों का छूटना बहुत मुश्किल है… और बिना लीडरशिप और पैसे के PFI क्या काम करेगा??
आप इसे मास्टरस्ट्रोक माने या नहीं.. यह आपकी मर्जी…. लेकिन आतंकियों के network पर इस तरह से पूरी planning और secrecy से कार्यवाही करना, और देश मे कोई दंगा फसाद न होने देना एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जायेगी.
वो भी ऐसे समय मे.. जब दुनिया भर मे सरकारें ऐसे तत्वों के सामने surrender कर रही हैं…. हमने देखा है इंग्लैंड, अमेरिका और यूरोप के देश कैसे इन तत्वों के सामने नतमस्तक कर रहे हैं.
ऐसे मे यह आप पर छोड़ता हूँ… आप इसका श्रेय सरकार को दें.. इसका मजाक बनाएं… इसकी बुराई करें… क्योंकि वो आपका अधिकार है.. लोकतंत्र है भाई लोग 😂
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