चंडीगढ़:- जुलाई:- आर विक्रमा शर्मा करण शर्मा अनिल शारदा प्रस्तुति:– शून्य का आविष्कार भारत वर्ष में हुआ था और उसके बाद ही संख्याओं का महत्व बना था बहुत विचित्र सत्य है 0 के बिना 1 से लेकर 9 तक संख्या 0 ही प्रभाव रखती है भाव रखती है लेकिन जब 07 लग जाती है तो वह संख्या अपने आप में प्रभावशाली बन जाती है हमारा गणित पूरी दुनिया को दिशा दिखाते हुए भौतिक जीवन की दशा बदल रहा है हमारे गणितज्ञों का पूरा विश्व लोहा मानता है भारतीय वेद उपनिषद शास्त्र आदि ने समय-समय पर गणित की गणना का भी जोड़ अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करने का क्रम आज तक अबाध रूप से जारी रखा हुआ है।।
आज सभी की उम्र 2022 है ।
क्या आप जानते हैं कि आज पूरी दुनिया एक ही उम्र की है ।
आज का दिन बहुत ही खास है और हर हजार (1,000) साल में एक बार ही आता है।
आपकी उम्र + आपका जन्म का वर्ष, प्रत्येक व्यक्ति = 2022
यह इतना अजीब है कि विशेषज्ञ भी इसकी व्याख्या नहीं कर सकते ।
आप इसे देखें और देखें कि क्या यह 2022 है …?
उदाहरण :
मेरी उम्र 68 साल है।
मेरा जन्म 1954 में हुआ था।
तो 68+1954= 2022
इस वर्ष के दौरान अपनी उम्र का प्रयोग करें।
उदाहरण:
मेरा जन्म 1949 में हुआ था और मेरी उम्र 73 साल है।
1949 +73=2022
Suppose I was born in1967 and thus I am 55 Years old. Now ,1967 + 55 = 2022.
Very Interesting. Please Try & Verify.
Thanks& Regards.