तमाम चिकित्सा पद्धतियों में सर्वश्रेष्ठ सर्वोत्तम सर्वगुण संपन्न है आयुर्वेद पद्धतियां:– वैद्य कौशल नेचरोपैथ

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  • चंडीगढ़:- 23 जून:- आरके विक्रमा शर्मा /हरीश शर्मा/ राजेश पठानिया/करण शर्मा +अनिल शारदा प्रस्तुति:—आज हर इंसान किसी ने किसी मानसिक और शारीरिक विघटन का शिकार है अंदर ही अंदर शरीर के कितने रूप बन चुके हैं किसी को कुछ भी भनक नहीं पड़ती है जब तक कि कोई बड़ा हादसा शरीर के साथ नहीं घट जाता है सावधान रहें शरीर स्वस्थ रखें शरीर को स्वस्थ रखने का पहला मूल मंत्र खुश रहने से है और दिल में कोई भी बात दबाकर ना रखें ताकि आपको डिप्रेशन का शिकार ना होना पड़े यह विचार सीनियर सिटीजन और अपनी ही धुन मैं रमेश समाज सेवक पंडित रामकृष्ण शर्मा ने अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से लाखों सुधि पाठकों से कहते हुए कहा कि कौशल नेचरोपैथ के बताए गए देसी नुक्ते और नुस्खे बेहद कारगर हैं। उन्हें अमल में लाकर पुष्ट जीवन जीने की कला सीखी जा सकती है। और एलोपैथी जैसी महंगी और आगे चलकर घातक होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। इसी क्रम में आज अल्फा न्यूज़ इंडिया के माध्यम से लाखों पाठकों के लिए कौशल नेचुरोपैथी द्वारा लिखे हुए बेहद संग्रहणीय नुस्खे प्रस्तुत किए जा रहे हैं।।

*✍🏻किडनी के रोगी चाहे उनका डायलासिस चल रहा हो या अभी शुरू होने वाला हो, चाहे उनका क्रिएटिनिन या यूरिया कितना भी बढ़ा हो, और अगर डॉक्टर्स ने भी उनको किडनी ट्रांसप्लांट के लिए बोल दिया हो, ऐसे में उन रोगियों के लिए विशेष 3 रामबाण प्रयोग हैं, जो उनको इस प्राणघातक रोग से छुटकारा दिला सकते हैं।*
*आइये जाने 100% sure..*

*1. नीम और पीपल की छाल का काढ़ा..*

आवश्यक सामग्री..
नीम की छाल – 10 ग्राम
पीपल की छाल – 10 ग्राम

👉🏻3 गिलास पानी में 10 ग्राम नीम की छाल और 10 ग्राम पीपल की छाल लेकर आधा रहने तक उबाल कर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को दिन में 3-4 भाग में बाँट कर सेवन करते रहें। इस प्रयोग से मात्र सात दिन क्रिएटिनिन का स्तर व्यवस्थित हो सकता है या प्रयाप्त लेवल तक आ सकता है।

*2. गेंहू के जवारो और गिलोय का रस…*

गेंहू के जवारे (गेंहू घास) का रस
गिलोय (अमृता) का रस।

👉गेंहू की घास को धरती की संजीवनी के समान कहा गया है, जिसे नियमित रूप से पीने से मरणासन्न अवस्था में पड़ा हुआ रोगी भी स्वस्थ हो जाता है। और इसमें अगर गिलोय(अमृता) का रस मिला दिया जाए तो ये मिश्रण अमृत बन जाता है। गिलोय अक्सर पार्क में या खेतो में लगी हुयी मिल जाती है।

👉🏼गेंहू के जवारों का रस 50 ग्राम और गिलोय (अमृता की एक फ़ीट लम्बी व् एक अंगुली मोटी डंडी) का रस निकालकर – दोनों का मिश्रण दिन में एक बार रोज़ाना सुबह खाली पेट निरंतर लेते रहने से डायलिसिस द्वारा रक्त चढ़ाये जाने की अवस्था में आशातीत लाभ होता है।

👉🏽इसके निरंतर सेवन से कई प्रकार के कैंसर से भी मुक्ति मिलती है। रक्त में हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स की मात्रा तेज़ी से बढ़ने लगती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत बढ़ जाती है। रक्त में तुरंत श्वेत कोशिकाएं (W.B.C.) बढ़ने लगती हैं। और रक्तगत बिमारियों में आशातीत सुधार होता है। तीन मास तक इस अमृतपेय को निरंतर लेते रहने से कई असाध्य बीमारियां ठीक हो जाती हैं।

👉🏾इस मिश्रण को रोज़ाना ताज़ा सुबह खाली पेट थोड़ा थोड़ा घूँट घूँट करके पीना है। इसको लेने के बाद कम से कम एक घंटे तक कुछ नहीं खाएं।
👉🏿उदयपुर के पास के गाँव में एक वैद श्री पालीवाल जी का अनुभव है के नीम गिलोय की तीन अंगुली जितनी डंठल को पानी में उबालकर, मसल छानकर पीते रहने से डायलिसिस वाले रोगी को बहुत लाभ मिलता है।

*3. गोखरू काँटा काढ़ा…*

👉🏾250 ग्राम गोखरू कांटा (ये आपको पंसारी से मिल जायेगा) लेकर 4 लीटर पानी मे उबालिए जब पानी एक लीटर रह जाए तो पानी छानकर एक बोतल मे रख लीजिए और गोखरू कांटा फेंक दीजिए।
इस काढे को सुबह शाम खाली पेट हल्का सा गुनगुना करके 100 ग्राम के करीब पीजिए।
शाम को खाली पेट का मतलब है दोपहर के भोजन के 5, 6 घंटे के बाद।
काढ़ा पीने के एक घंटे के बाद ही कुछ खाइए और अपनी पहले की दवाई ख़ान पान का रोटिन पूर्ववत ही रखिए।

👉🏽15 दिन के अंदर यदि आपके अंदर अभूतपूर्व परिवर्तन हो जाए तो डॉक्टर की सलाह लेकर दवा बंद कर दीजिए। जैसे जैसे आपके अंदर सुधार होगा काढे की मात्रा कम कर सकते है या दो बार की बजाए एक बार भी कर सकते है।

👉🏿ज़रूरत के अनुसार ये प्रयोग एक हफ्ते से 3 महीने तक किया जा सकता है।
मगर इसके रिजल्ट 15 दिन में ही मिलने लग जाते हैं।
अगर कोई रिजल्ट ना आये तो बिना डॉक्टर या वैद की सलाह से इसको आगे ना बढ़ाएं !

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*अगर हार्ट अटैक से बचना है तो..!*

भारत मे सबसे ज्यादा मौते कोलस्ट्रोल बढ़ने के कारण हार्ट अटैक से होती हैं।

आप स्वयं ऐसे बहुत से लोगो को जानते होंगे।

अमेरिकन कंपनियां भारत मे दिल के रोगियों को अरबों की दवाई बेच रही हैं।

लेकिन आपको ऐसी तकलीफ होने पर डॉक्टर कहेगा, एन्जीओप्लास्टी करवाओ।

इस ऑपरेशन मे दिल की नली में एक स्प्रिंग डालते हैं जिसे स्टंट कहते हैं।

यह स्टंट अमेरिका में बनता है। इसकी निर्माण लागत सिर्फ 3 डॉलर या मात्र ₹150-180 है।

इसी स्टंट को भारत मे 3-5 लाख रूपए मे बेच कर आपको लूटा जाता है।

डॉक्टरों अपने लाखों रूपए के कमीशन की वजह से वो बार बार कहता है कि एंजियोप्लास्टी करवाओ।

कोलेस्ट्रोल, बीपी या हार्ट अटैक आने की मुख्य वजह है, एंजियोप्लास्टी।

यह अक्सर सफल नहीं होता।

डॉक्टर, जो स्प्रिंग दिल की नली मे डालता है वह बिलकुल पेन की स्प्रिंग की तरह होती है।

कुछ महीनो में उस स्प्रिंग की दोनों साइडों पर आगे व पीछे ब्लोकेज, कोलेस्ट्रोल व फैट जमा होना शुरू हो जाता है।

इसके बाद फिर आता है दूसरा हार्ट अटैक और

डॉक्टर शुरू, फिर से एंजियोप्लास्टी करवाओ।

हमारे लाखो रूपए लूटता है और हमारी जिंदगी इसी में निकल जाती हैं।

*आयुर्वेदिक उपचार*

*अदरक…*

यह खून को पतला करता है!

यह दर्द को प्राकृतिक तरीके से 90% तक कम करता है!

*लहसुन….*

इसमें मौजूद एलिसिन तत्व कोलेस्ट्रोल व बीपी को कम करता है।

वह हार्ट ब्लॉकेज को खोलता है।

*नींबू….*

इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन-सी व पोटैशियम खून को साफ़ करते हैं।

ये रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाते हैं।

*एप्पल साइडर विनेगर*

इसमें 90 प्रकार के तत्व शरीर की सारी नसों को खोलते है, पेट साफ़ करते हैं व थकान को मिटाते हैं।

*उपयोग कैसे करें.?*

1- एक कप नींबू का रस लें,

2- एक कप अदरक का रस लें,

3- एक कप लहसुन का रस लें,

4- एक कप एप्पल का सिरका लें!

चारों को मिला कर धीमीं आंच पर गरम करें जब 3 कप रह जाए तो उसे ठण्डा कर लें और उसमें 3 कप शहद मिला लें

रोज इसे 3 चम्मच सुबह खाली पेट लें, सारी ब्लॉकेज खत्म हो जाएंगी।

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*केवल 2 हफ्तों के लिये छोड़ दें चीनी और फिर देंखे फायदे…*

दो सप्ताह के लिए चीनी खाना छोड़ दें और देखें कि आपके शरीर में क्या परिवर्तन आता है शक्कर या चीनी खाने की आदत को छोड़ना ही ठीक है अन्यथा 40 वर्ष की उम्र में ही आपका वज़न और आकार बढ़ जाएगा।

अतिरिक्त शक्कर का सेवन करना एक लत के समान है जिसे जितनी जल्दी हो सके छोड़ देना चाहिए। शक्कर स्वादिष्ट होती है और कभी कभी इसे खाने से आनंद भी मिलता है।

परन्तु बहुत अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं।

शक्कर का सेवन छोड़ने से होने वाले लाभ

हर चीज़ में थोड़ी बहुत मात्रा में शक्कर होती है अत: अच्छा होगा कि आप अपने भले के लिए इसे छोड़ दें।

आपके दैनिक कैलोरी सेवन की मात्रा में 10% या उससे कम चीनी की मात्रा होती है।

चीनी तब एक समस्या बन जाती है जब आप भोजन में स्वाद, रंग लाने के लिए इसे अतिरिक्त मात्रा में डालते हैं। इसकी बहुत अधिक मात्रा के सेवन से बहुत दुष्परिणाम होते हैं। इसका एक परिणाम वज़न बढ़ना है।

चीनी की अतिरिक्त मात्रा का सेवन करने से इन्सुलिन का स्तर बढ़ जाता है और इससे चयापचय भी खराब हो जाता है। इससे कैलोरीज़ सीधे आपके पेट में जाती है।

चीनी का सेवन छोड़ देने से आपका वज़न कम हो सकता है और आप कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।

इस लेख में हमने चीनी का सेवन छोड़ देने से होने वाले फायदों के बारे में बताया है।

चीनी का सेवन छोड़ देने से होने वाले फायदों के बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें…

*1. वज़न कम होना:*

फ्रक्टोस (शुगर) युक्त आहार लेने से वज़न बढ़ता है। बहुत अधिक समय तक चीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर इन्सुलिन हार्मोन का प्रतिरोध करने लगता है जिससे वज़न बढ़ने लगता है। एक बार जब शरीर यह प्रतिरोध करना प्रारंभ कर देता है तो इस प्रक्रिया को रोकना बहुत मुश्किल होता है।

*2. आपको कम भूख लगती है:*

जैसे ही आपके शरीर को पता चलता है कि आपका वज़न कम हो रहा है वैसे ही आपकी भूख से संबंधित हार्मोन्स उत्तेजित होने लगते हैं।

चीनी का सेवन न करने से शरीर की कार्बोहाइड्रेटस को पचाने की गति कम हो जाती है जिससे आप कम खाना खाते हैं।

फाइबर से भी आपको लगातार उर्जा मिलती रहती है।

*3. आपका पेट पतला होने लगता है:*

आपने देखा होगा कि पतले लोगों का पेट भी लटकता रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे अधिक मात्रा में शुगर का सेवन करते हैं। चीनी की अधिक मात्रा का सेवन करने से पेट में स्वस्थ रोगाणु बनते हैं जिससे पेट पर वसा जमा होता है। इससे पेट में ख़राब बायोम बैक्टीरिया में वृद्धि होती है।

*4. आपका फैट बर्न होने लगता है:*

चीनी का सेवन कम करने से आपके द्वारा सेवन की जाने वाली कैलोरीज़ की मात्रा में कमी आती है। इससे शरीर का फैट बर्न होता है जो शरीर को उर्जा देने के लिए होता है।

*5. आपकी मांसपेशियां मज़बूत होती हैं:*

चीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से सर्कोपेनिया नामक स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसमें मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अतिरिक्त चीनी शरीर में प्रोटीन को संश्लेषित होने से रोकती है। चीनी का कम मात्रा में सेवन करके आप अपने मांसपेशियों को अधिक मज़बूत और जवान बना सकते हैं। चीनी का सेवन छोड़ देने का यह सबसे बड़ा फायदा होता है।

*6. आप स्वयं को अधिक उर्जावान महसूस करेंगे:*

शरीर में कार्बोहाइड्रेट का अवशोषण धीमा होने के कारण आपको पेट हमेशा भरा हुआ लगता है। इससे शारीरिक थकान, सिरदर्द और सुस्ती आदि समस्याएं दूर होती हैं।

*7. ब्लडप्रेशर कम होता है:*

अतिरिक्त मात्रा में शुगर का सेवन करने से मोटापे की समस्या बढ़ती है जिसके कारण हाईब्लडप्रेशर की समस्या हो सकती है। कुछ अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि आहार में अतिरिक्त शुगर लेने से वज़न बढ़ता है।

*8. खराब कोलेस्ट्रोल कम होता है:*

ऐसे लोग जो अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करते हैं उनमें एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रोल) का स्तर कम होता है और एलडीएल (ख़राब कोलेस्ट्रोल) का स्तर अधिक होता है।

अत: अच्छा होगा कि जितनी जल्दी हो सके इसे छोड़ दिया जाए।

यह इस अध्ययन से भी पता चला है, ‘कारोटेनेमिया एंड डाइबिटीज़: द रिलेशनशिप बिटवीन द शुगर, कोलेस्ट्रोल एंड कैरोटिन ऑफ़ ब्लड प्लाज्मा’।

*9. हार्ट अटैक का खतरा कम होता है:*

एक अध्ययन के अनुसार ऐसे लोग जो अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करते हैं उन्हें दिल की बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा चीनी युक्त पेय पदार्थों का सेवन करने से भी दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

*10. आपके दिमाग को तेज़ रखता है:*

*क्या आप जानते हैं कि चीनी आपके दिमाग की शक्ति को छीन लेती है?*

बहुत अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करने से आपके संज्ञानात्मक कार्यों में खराबी आती है और मेमोरी और प्रतिक्रियात्मक क्षमता के लिए आवश्यक प्रोटीन भी कम मात्रा में मिलते हैं।

*11. आपको अल्जाइमर या डिमनेशिया होने का खतरा कम हो जाता है:*

अधिक चीनी युक्त आहार मस्तिष्क में उत्पन्न होने वाले रसायन जिसे न्यूरोट्राफिक कारक भी कहा जाता है, के उत्पादन को कम कर देता है। यह रसायन पुरानी बातों और नई बातों को याद रखने में सहायक होता है। अत: चीनी की कम मात्रा का सेवन करने से इन बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। इससे आपको पता चलता है कि जब आप चीनी का सेवन करना छोड़ देते हैं तो क्या होता है।

*12. अवसाद:*

जब आपके मस्तिष्क को यह अनुभव होता है कि चीनी का लेवल बढ़ गया है तो इन्सुलिन अपने प्रभावों का ही प्रतिरोध करने लगता है और इस प्रकार कम प्रभावी हो जाता है। इससे अवसाद और चिंता की समस्या हो सकती है। चीनी का सेवन बंद करने का यह भी एक फायदा है।

*13. इससे आपकी मीठा खाने की आदत छूट जाती है:*

अधिक मात्र में चीनी का सेवन करने से डोपामिन का संकेत मिलना कम हो जाता है जिसके कारण मिल्कशेक देखने पर भी वही हालत हो जाती है जैसी हालत किसी ड्रग के आदी व्यक्ति की कोकीन देखने के बाद होती है। अत: चीनी का सेवन बंद करने से वास्तव में आप अपने नशे को बंद करते हैं।

*14. डाइबिटीज़ का खतरा कम होता है:*

दिन में एक या दो चीनी युक्त पेय लेने से आपको टाइप 2 डाइबिटीज़ होने का खतरा 26% तक बढ़ जाता है। ऐसा शरीर द्वारा इन्सुलिन का प्रतिरोध करने के कारण होता है।

अतिरिक्त मात्रा में शुगर जैसे फ्रक्टोस, ग्लूकोज़ या शुगर का अन्य किसी रूप में उपयोग करने से शुगर के कण कोशिकाओं में चिपक जाते हैं और खून में मिल जाते हैं।

यह इस अध्ययन में भी बताया गया है ‘ इज शुगर द सेम एज़ डाइबिटीज़’।

*15. फैटी लिवर की बीमारी से बचाता है:*

अधिक चीनी युक्त आहार लेने से फैटी लिवर की बीमारी होने की संभावना होती है।

चीनी के कारण इन्सुलिन बढ़ता है जो फैट को लिवर सेल में बदलता है और इसके कारण सूजन और घाव की समस्या भी हो सकती है।

अत: चीनी का सेवन बंद करने से इस खतरे से बचा जा सकता है।।।

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*100% नेचुरल, नैसर्गिक प्राकृतिक शक्तियों से भरपूर बी पोलेन…*
*अधिकांश लोगों से अनजान अद्भुत अमृतमय मधुमक्खियों द्वारा निर्मित धरती का अमृत “पराग” या “बी-पॉलन”.!*

*क्या आप मात्र एक चम्मच से 5 किलो गाय का दूध, 5 किलो हरी सब्जियां, 5 किलो फल और बहुत सारे एन्टी ऑक्सीडेंट्स चाहते हैं.?*

*बी पॉलन में फूलों का पराग, रस, एन्ज़ाइम्स, शहद और बी सीक्रेशन का मिक्सचर होता है!*
*मधुमक्खी जब अपने छत्ते पर शहद इकठ्ठा करती है तो शहद के साथ साथ उस छत्ते पर कुछ पराग कण भी इकठ्ठा हो जाते हैं और फिर ये दानों का आकार ले लेते हैं यही दाने सूखकर बी पॉलन (Bee Pollen) कहलाते हैं।*

जो लोग डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ऑटो इम्यून या कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं उन्हें बी-पॉलन का सेवन ज़रूर करना चाहिये।

बी-पॉलन और उसके फायदों के बारे में अभी भी बहुत कम लोग जानते हैं।
आपको बता दें कि यह मधुमक्खियों द्वारा इकठ्ठा किया गया फूलों के परागकण का ढेर होता है जो उनके आहार के रूप में काम आता है।
इसमें लगभग 40% प्रोटीन पाया जाता है और इसके अलावा इसमें पोषक तत्वों की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है। इसका सेवन इंसानों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।

काफी समय पहले से ही बी-पॉलन को न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
ताजे बी-पॉलन में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट के अलावा लैक्टिक एसिड और फ्लेवेनॉयड जैसे यौगिक भी होते हैं।
चायनीज मेडिसन में इसके फायदों को देखते हुए जर्मन फेडरेल बोर्ड ऑफ़ हेल्थ द्वारा इसे ऑफिशियल मेडिसिन घोषित किया है।

*इन्फ्लेमेशन कम करने में मदद :*
साल 2010 में फार्मसूटिकल बायोलॉजी जर्नल के अनुसार बी-पॉलन में ऐसे एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिस वजह से ये जोड़ों के दर्द, एक्ने और कई इंफ्लेमेटरी डिजीज से राहत दिलाने में मदद करती है।

*मांसपेशियों की मजबूती :*
फ्रेश बी पॉलन मसल्स रिकवरी रेट को बढ़ाने में बहुत मदद करते हैं।

साल 2014 में किये शोध के अनुसार जो लोग पोषक तत्वों की कमी से होने वाले रोगों से परेशान रहते हैं उनके लिए यह बहुत ही फायदेमंद है।

अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं तो आपको बी-पोलन का सेवन बढ़ा देना चाहिये।
जो लोग डायबिटीज, हाइपरटेंशन या कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं उन्हें बी-पोलन का सेवन ज़रूर करना चाहिये।

*एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर :*
आप कैफीन युक्त ड्रिंक पीने की बजाय बी-पॉलन से निर्मित चाय का सेवन कर सकते हैं।
इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और इसी वजह से जो लोग कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों, डायबिटीज, हाइपरटेंशन या कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं उनके लिए बी-पॉलन बहुत ज्यादा फायदेमंद है।

*इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार :*
साल 2014 में एक शोध में बताया गया कि बी पॉलन में पर्याप्त मात्रा में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी क्षमताएं होती हैं और इसके सेवन से कैंडिडा और स्टाफ इन्फेक्शन जैसी बीमारियों से बचाव होता है।

निरोगी काया के लिये बी-पॉलन की बिक्री मैं किलो में ही करता हूं क्योंकि ये महंगाई के अनुसार तो महंगा है परन्तु स्वास्थ्य की दृष्टि से एकदम सस्ता या मुफ्त जैसा है।

ये ग्रेन्युल के रूप में आता है।
₹7000/- प्रति किलो
₹3500/- का आधा किलो एवं
कोरियर एवं व्यक्तिगत सलाह मशविरा एकदम फ्री सम्पूर्ण भारत में।

विशुद्ध एवं फ़्रेश बी-पॉलन के लिये मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।

 

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