चंडीगढ़/गुरुग्राम:- 22 जून:- अल्फा न्यूज़ इंडिया डेस्क प्रस्तुति:– इसी माह की 19 तारीख को हुए चुनाव के आज परिणाम आए। स्पष्ट झलकता है कि यह हरियाणा का ही नहीं, देश का पहला चुनाव है जिसमें तमाम सियासी पार्टी और निर्दलीय हर कोई अपने आप को जनता के सामने संतुष्ट पेश कर रहा है। कि उनके हिस्से में अच्छा परिणाम आया है। लोगों ने उन्हें अच्छा रुझान दिखा कर उन्हें मतदान किया है। हालांकि नतीजे किसी भी पार्टी के लिए कोई ज्यादा प्रभावशाली लाभदायक नहीं दिखाई दे रहे हैं। गठजोड़ के बिना हर कोई पंगु ही लग रहा है। लगता है वोटरों ने सभी को चेताया है। सभी को औकात का दर्पण दिखाया है बताया है कि जनता के काम करने वालों की ही पूछ और पैठ होगी। इसमें कोई दो राय नहीं है। और पूरी जीत का पूरे हरियाणा को जीतने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी को पड़े वोटों के हिसाब से ही पता चल जाता है। कि पंजाब में और दिल्ली में उनकी कारगुजारी क्या है। इसका असर हरियाणा में भी देखने को मिला है। अब तकरीबन वह जमाना लद चुका है। जब हम वोटरों को प्रलोभन देते थे। और उनका मानसिक शारीरिक आर्थिक 5 साल के लिए शोषण करते थे। और 5 साल का यह शोषण उन्हें जिंदगी भर के लिए अपाहिज बना कर रख देता था। लेकिन अब परिस्थितियां धीरे-धीरे बदल रही हैं। लोगों की सोच में भारी परिवर्तन आ रहा है। और यही साफ झलक हरियाणा के उक्त चुनावों में स्पष्ट झलकती है।
सभी पार्टियां उक्त चुनावों से परिणामों से संतुष्ट नजर आ रही हैं। ओमप्रकाश धनखड़ का कहना है कि जनता को ट्रिपल इंजन की सरकार पसंद आई।
कांग्रेस के दिग्गज नेता और हरियाणा के पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि भाजपा को जनता ने नकार दिया। शहरी क्षेत्रों में उन्हें केवल 26.6 प्रतिशत मत मिले। और हुड्डा ने अपने तमाम विजेता योद्धाओं को खुले दिल से बधाइयां और जीत की मुबारकबाद दी है उन्होंने इसे कांग्रेस की पुनः बढ़ती लोकप्रियता भी कहा है।
अभय चौटाला का कहना है कि जब 2019 के चुनाव में हमें 2 प्रतिशत वोट भी नहीं मिले थे। अब शहरी क्षेत्रों में हमें 15 प्रतिशत मत मिले। शहरों में भी हमारा समर्थन स्तर बढ़ा है। निकाय में हमारी भागीदारी हो गई।
अब वास्तविक स्थिति क्या है, यह तो जनता और समय ही बताएगा परंतु वर्तमान में चुनाव की आयोग की लिस्ट के अनुसार निकाय चुनाव के 888 वार्डों में से 815 निर्दलीय जीतें हैं, जबकि 60 पर भाजपा, 6 में इनेलो और 6 में आप पार्टी जीती। एक बहुजन समाज पार्टी का पार्षद भी निर्वाचित हुआ है, जबकि जजपा का एक भी पार्षद नहीं बना।
आपको बता दें कि आप पार्टी ने चुनाव चिन्ह पर 133 उम्मीदवार उतारे थे, जबकि भाजपा ने 136 और बीएसपी ने 3 उतारे थे। निर्दलीय 2848 चुनाव लड़े और इनेलो के 23 उम्मीदवार मैदान में थे।