जुम्मे की नवाज के उपरांत देशभर में हुई हिंसक घटनाओं के विरोध में रोष प्रदर्शन: बजरंग दल*

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चंडीगढ़:- 19 जून:- राजेश पठानिया/मनोज शर्मा/ अनिल शारदा:–विहिप पंजाब प्रांत मीडिया प्रमुख सुरेश राणा ने कहा कि बजरंग दल के देशव्यापी धरने के बाद राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन में मांग की गई है कि गत 3 और 10 जून को जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों से निकली उन्मादी भीड़ और हमलावरों की पहचान कर उन पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाए, साथ ही उन्मादी भीड़ को भड़काने वाले मुल्ला-मौलवियों, नेताओं की पहचान कर उन पर भी रासुका लगाई जाए ।

विहिप चंडीगढ़ अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने कहा कि वे ’15 मिनट के लिए पुलिस हटाने’ जैसे बयान देने वालों से भी कहना चाहते हैं कि यह 2022 का भारत है। आज की सरकार देश में कानून का शासन कायम रखने में समर्थ है।

 

विहिप चंडीगढ़ मंत्री अंकुश गुप्ता ने कहा कि जेहादी तत्व हिंसा के नंगे नाच से बाज आएं।और जिन मस्जिदों और मदरसों से उन्मादी भीड़ निकलती है, उनकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए से कराई जाए।

 

बजरंग दल के सह संयोजक राकेश उप्पल ने कहा कि हिंसक और आतंकी लोगों व संगठनों की चुनौतियों को बजरंग दल ने हमेशा से स्वीकार किया है। यदि हिंदू समाज पर हमले नहीं रुके, तो बजरंगी अच्छी तरह जानते हैं कि उनसे कैसे निपटा जाए।

 

इस रोष प्रदर्शन में आम हिंदू समाज एवम संगठन के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे । जिसमें मुख्य रूप डी.सी. भगत,जितेंद्र दलाल, राकेश चौधरी,दविंदर सिद्धू,अनुज सहगल,मनोज शर्मा ,मनु भसीन,नरेश अरोड़ा,राजेश चहल, मनु सोनकर,सुनील बागड़ी,संयम,सुशील पाण्डेय,,रजनी ठाकुर, अनीता,नीरज दुबे, लक्की,मुनीश बक्शी, अमित हंस,राकेश शर्मा,सतिंदर,रवि वर्मा, रितिक शुक्ला, रोशन, जीतू,संदीप अंकुश,पंकज तिवारी,सुभम, परवीन, कमलेश,जगदीप, राहुल, मनोज, डिंपी,कमलेश ,राजिंदर गुप्ता,कुलदीप,आदि मौजूद रहे ।

आदिकाल से सर्व विदित है कि जिसके खून में हिंसा है वह खतरनाक नहीं होता है खतरनाक बहुत है जो आशावादी होता है लेकिन मजबूर होकर हिंसा कहने पर उतारू हो जाता है सिर वह विध्वंस करता है भगवान परशुराम शास्त्र अध्ययन में रखते लेकिन जब अधिकारियों ने समाज में त्राहि चाही मचाई तो फिर तो आक्रांत परशुराम जी ने 16 बार पापियों का विनाश किया था। यह उद्धारण आज भी प्रासंगिक है। समझदार को इशारा काफी है। यदि भारत सबका है।  सबको कानून के दायरे में रहकर आपसी भाईचारे के साथ जीवन यापन करना चाहिए।

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